
जयपुर:
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही ने 16 साल की लड़की दीक्षा शर्मा की जान ले ली है। रविवार को दीक्षा को निमोनिया की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार सुबह जब डॉक्टर राउंड पर आया तो दीक्षा की तबीयत बिगड़ने लगी और डॉक्टर ने उसे आईसीयू में शिफ्ट करने को कहा लेकिन सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एलसी शर्मा ने दीक्षा के घरवालों को इसके लिए डॉक्टर से फोन कराने को कहा। इसके बाद डॉक्टर के फोन करने के बावजूद दीक्षा को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया। अस्पताल के डॉक्टर मानवाधिकार आयोग की बैठक में चले गए और 2 घंटे बाद इलाज के इंतजार में दीक्षा ने दम तोड़ दिया।
उधर, राजस्थान के ही जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक तीन साल का बच्चा आईसीयू में है। तीन साल के आदित्य को Bronchopneumonia नाम की बीमारी थी। इस बीमारी के इलाज के चलते डॉक्टरो नें उसे उसके ब्लड ग्रुप से मैच नहीं करता हुआ बल्ड दे दिया और बच्चे की हालत बिगड़ गई।
आदित्य नाम का यह बच्चा अभी भी आईसीयू में है लेकिन अब उसे खतरे से बाहर बताया जा रहा है। जोधपुर का उम्मेद अस्पताल तब सुर्खियों में आया था जब पिछले साल खराब फ्लुइड की वजह से 17 गर्भवती औरतों की मौत हो गई थी।
उधर, राजस्थान के ही जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक तीन साल का बच्चा आईसीयू में है। तीन साल के आदित्य को Bronchopneumonia नाम की बीमारी थी। इस बीमारी के इलाज के चलते डॉक्टरो नें उसे उसके ब्लड ग्रुप से मैच नहीं करता हुआ बल्ड दे दिया और बच्चे की हालत बिगड़ गई।
आदित्य नाम का यह बच्चा अभी भी आईसीयू में है लेकिन अब उसे खतरे से बाहर बताया जा रहा है। जोधपुर का उम्मेद अस्पताल तब सुर्खियों में आया था जब पिछले साल खराब फ्लुइड की वजह से 17 गर्भवती औरतों की मौत हो गई थी।
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