इशरत जहां लश्कर की आतंकी थी, गृह मंत्रालय अपनी इस राय पर कायम

इशरत जहां लश्कर की आतंकी थी, गृह मंत्रालय अपनी इस राय पर कायम

इशरत जहां (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

इशरत लश्कर की आतंकी थी, गृह मंत्रालय अपनी इस राय पर कायम है। डेविड हेडली का बयान उसके इस मौजूदा रुख की तस्दीक करता है। हालांकि गृह मंत्रालय को एहसास है कि डेविड हेडली के बयान की कोई कानूनी हैसियत शायद न हो क्योंकि ये सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है।

एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़ सीबीआई ने इशरत जहां मामले में आरोप पत्र तो दायर कर दिया है लेकिन आरोप अभी तय नहीं हुए हैं। गृह मंत्रालय ने सीबीआई को आईबी के रजिंदर कुमार और बाक़ी अफ़सरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की इजाज़त भी नहीं दी थी। क्‍योंकि उनके ख़िलाफ़ मंत्रालय को सीबीआई द्वारा इकट्ठा किए सबूत नाकाफ़ी लगे थे। यानी मामला दो सालों से वहीं अटका पड़ा है जहां से शुरू हुआ था।

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीज़ू का कहना है, "हमें हेडली के बयान से 26/11 मामले में मदद मिलेगी।'

उधर इस मामले में सियासत शुरू हो गयी है। आरोप गृह मंत्रालय पर लग रहा है कि चिदम्बरम ने एनआईए का दुरुपयोग किया और ज़बरन ऐफ़िडेविट बदलवाए। वो पन्ना बदला गया जिसमें एनआईए ने इशरत को लश्कर से जुड़ा बताया था।

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दरासल इशरत जहां के मामले में गृह मंत्रालय कई बार अपना रुख बदल चुका है जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए मामलों में मंत्रालय को एक सिलसिले से फ़ैसला लेना चाहिए नाकी अपने फ़ैसले सरकारों और पार्टी के हिसाब से नहीं बदलने चाहिए।