कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने गुरुवार को कहा कि जब उन्होंने कल रात खुली हवा में सांस ली तो उन्हें सबसे पहले कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों की याद आई, जिन्हें चार अगस्त से मौलिक आजादी से वंचित किया गया है. चिदंबरम ने जम्मू कश्मीर में हालात पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 'बिना सोचे-समझे, गलत आधार पर और बदनीयत से' इसे अंजाम दिया गया और वहां के लोगों की मौलिक आजादी का हनन किया गया. पूर्व गृह मंत्री ने कहा, 'कल जब मैं रात आठ बजे बाहर निकला और खुली हवा में सांस ली तो सबसे पहले मुझे कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों की याद आई और मैंने उनके लिए दुआएं की, जिन्हें चार अगस्त के बाद से उनकी मौलिक आजादी से वंचित किया गया.'
उन्होंने कहा कि कि अगर सरकार इजाजत देती है तो वह जम्मू कश्मीर जाना चाहेंगे. वह संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का जिक्र कर रहे थे. चिदंबरम ने कहा, 'मैं विशेषकर नेताओं के बारे में चिंतित हूं जिन्हें बिना किसी आरोपों के हिरासत में रखा गया. स्वतंत्रता अविभाज्य है. अगर हमें अपनी स्वतंत्रता बचाए रखना है, तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए.'
कश्मीर और अर्थव्यवस्था के मुद्दे को लेकर सरकार के आश्वासन के संबंध में क्या कोई तुलना हो सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है उसकी वजह अक्षमता है, जबकि कश्मीर के पीछे की वजह सरकार का अहंकार है. उन्होंने कहा, 'जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है, उसका कारण अक्षमता है. जहां तक कश्मीर का सवाल है तो इसके पीछे की वजह अहंकार है. कश्मीर में बिना सोचे-समझे, गलत आधार से और बदनीयत वाली नीति से लोगों की मौलिक स्वतंत्रता का दमन किया गया। अर्थव्यवस्था के मामले में इसका सामान्य कारण अज्ञानता और अक्षमता है.'
देश में हाल में दुष्कर्म की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम भावुक हो गए. उन्होंने कहा, 'मैं हैरान हूं. शर्मसार हूं. कल एक अखबार में मुझे दुष्कर्म और लिंचिंग की छह घटनाएं देखने को मिलीं. एक अखबार में एक दिन में दुष्कर्म और लिंचिंग की छह घटनाएं ...शर्मनाक है.' उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि लोगों के एक धड़े को लगता है कि वे ऐसे कृत्य कर बच जाएंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, 'देश के कई हिस्से में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. पुलिस क्या कर रही है? कहां है कानून का डर?'
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