![विदेशी आकाश में चीन के लड़ाकू विमान से होगा भारतीय तेजस का मुकाबला विदेशी आकाश में चीन के लड़ाकू विमान से होगा भारतीय तेजस का मुकाबला](https://i.ndtvimg.com/i/2016-01/tejas-fighter-jet_650x400_61452790984.jpg?downsize=773:435)
नई दिल्ली:
भारत में बने लड़ाकू विमान तेजस और चीन और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए मल्टीरोल फाइटर जेएफ-17 थंडर पहली बार एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे। ऐसा बहरीन में 21-23 जनवरी को होने जा रहे एयर शो में होगा।
ऐसा पहली बार होगा कि भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान देश के बाहर उड़ान भरेगा। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि तेजस के पास चीनी थंडर विमान के मुकाबले खुद को बेहतर साबित करने का मौका होगा।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जेएफ-17 थंडर की तुलना में तेजस में आधा दर्जन से भी ज्यादा खूबियां हैं। लेकिन ये पहला मौका होगा जब इस बात को साबित किया जा सकेगा।
विमानों के प्रदर्शन का आकलन तकनीकी आधार पर होगा। आंकड़े इकट्ठा करने और प्रदर्शन को मापने के लिए एक स्वचालित संचार प्रणाली- टेलीमेट्री यूनिट बहरीन में स्थापित की गई है।
वायुसेना ने 20 विमानों के स्क्वाड्रन को बहरीन ले जाने पर हामी भर दी है। रक्षा उत्पाद बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र की बेंगलुरु स्थित कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का दावा है कि फिलहाल 15 तेजस विमान उड़ान भर रहे हैं जिनमें से कई प्रोटोटाइप हैं और बाकी परीक्षण विमान हैं।
तेजस प्रोजेक्ट लंबे समय तक विवादों में घिरा रहा है। विमानों के उत्पादन में हो रही देरी के अलावा इसके प्रभावी होने पर भी सवालिया निशान लगते रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ ने एनडीटीवी को बताया कि आंतरिक तुलना के आधार पर कहें तो तेजस अगर जेएफ-17 थंडर से बेहतर नहीं है तो उसके जैसा तो है ही। ![](data:image/gif;base64,R0lGODlhAQABAIAAAP///wAAACH5BAEAAAAALAAAAAABAAEAAAICRAEAOw==)
दोनों विमानों के इंजन एक जैसे हैं। जेएफ-17 में क्लिमोव आरडी93 इंजन का प्रयोग किया गया है जबकि तेजस में जीई-एफ404-आईएन20 इंजन लगा है।
अधिकारी ने बताया, 'लेकिन अन्य मामलों में तेजस को स्पष्ट बढ़त हासिल है।' जैसे तेजस 2300 किलोमीटर की लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है जबकि जेएफ-17 2039 किलोमीटर तक। ईंधन क्षमता के मामले में भी तेजस चीनी विमान से आगे है। तेजस की ईंधन क्षमता 2500 किलोग्राम है जबकि जेएफ-17 की 2300 लीटर ही।
तेजस को हवा में ही ईंधन की आपूर्ति करना संभव है जबकि जेएफ-17 के साथ ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं है। इसकी वजह से तेजस की पहुंच एवं क्षमता और बढ़ जाती है।
तेजस केवल 460 मीटर की दूरी तक रनवे पर दौड़ने के बाद हवा में पहुंच जाता है जबकि चीनी विमान को इसके लिए 600 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
एक और चीज जो तेजस के पक्ष में जाती है वो है इसका एयरफ्रेम (ढांचा)। जेएफ-17 में परंपरागत एल्यूमीनियम और स्टील के एलॉय का इस्तेमाल हुआ है जबकि तेजस में कार्बन फाइबर का प्रयोग हुआ है। इसकी वजह से तेजस न केवल वजन में हल्का है बल्कि उसे रडार पर पकड़ पाना भी आसान नहीं है।
ऐसा पहली बार होगा कि भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान देश के बाहर उड़ान भरेगा। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि तेजस के पास चीनी थंडर विमान के मुकाबले खुद को बेहतर साबित करने का मौका होगा।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जेएफ-17 थंडर की तुलना में तेजस में आधा दर्जन से भी ज्यादा खूबियां हैं। लेकिन ये पहला मौका होगा जब इस बात को साबित किया जा सकेगा।
विमानों के प्रदर्शन का आकलन तकनीकी आधार पर होगा। आंकड़े इकट्ठा करने और प्रदर्शन को मापने के लिए एक स्वचालित संचार प्रणाली- टेलीमेट्री यूनिट बहरीन में स्थापित की गई है।
वायुसेना ने 20 विमानों के स्क्वाड्रन को बहरीन ले जाने पर हामी भर दी है। रक्षा उत्पाद बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र की बेंगलुरु स्थित कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का दावा है कि फिलहाल 15 तेजस विमान उड़ान भर रहे हैं जिनमें से कई प्रोटोटाइप हैं और बाकी परीक्षण विमान हैं।
तेजस प्रोजेक्ट लंबे समय तक विवादों में घिरा रहा है। विमानों के उत्पादन में हो रही देरी के अलावा इसके प्रभावी होने पर भी सवालिया निशान लगते रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ ने एनडीटीवी को बताया कि आंतरिक तुलना के आधार पर कहें तो तेजस अगर जेएफ-17 थंडर से बेहतर नहीं है तो उसके जैसा तो है ही।
![](https://i.ndtvimg.com/i/2016-01/jf-17-thunder_650x400_41452787700.jpg)
दोनों विमानों के इंजन एक जैसे हैं। जेएफ-17 में क्लिमोव आरडी93 इंजन का प्रयोग किया गया है जबकि तेजस में जीई-एफ404-आईएन20 इंजन लगा है।
अधिकारी ने बताया, 'लेकिन अन्य मामलों में तेजस को स्पष्ट बढ़त हासिल है।' जैसे तेजस 2300 किलोमीटर की लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है जबकि जेएफ-17 2039 किलोमीटर तक। ईंधन क्षमता के मामले में भी तेजस चीनी विमान से आगे है। तेजस की ईंधन क्षमता 2500 किलोग्राम है जबकि जेएफ-17 की 2300 लीटर ही।
तेजस को हवा में ही ईंधन की आपूर्ति करना संभव है जबकि जेएफ-17 के साथ ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं है। इसकी वजह से तेजस की पहुंच एवं क्षमता और बढ़ जाती है।
तेजस केवल 460 मीटर की दूरी तक रनवे पर दौड़ने के बाद हवा में पहुंच जाता है जबकि चीनी विमान को इसके लिए 600 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
एक और चीज जो तेजस के पक्ष में जाती है वो है इसका एयरफ्रेम (ढांचा)। जेएफ-17 में परंपरागत एल्यूमीनियम और स्टील के एलॉय का इस्तेमाल हुआ है जबकि तेजस में कार्बन फाइबर का प्रयोग हुआ है। इसकी वजह से तेजस न केवल वजन में हल्का है बल्कि उसे रडार पर पकड़ पाना भी आसान नहीं है।
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