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This Article is From Aug 31, 2021

अप्रैल-जून तिमाही में भारत की विकास दर 20.1%, 30.1 लाख करोड़ की हुई भारतीय अर्थव्यवस्था

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौजूदा वित्तीय साल की पहली तिमाही में GDP दर 21.4% रहने का अनुमान जताया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

अर्थव्यवस्था की सेहत सुधर रही है. मंगलवार को सांख्यिकी मंत्रालय ने जीडीपी के आकड़े जारी किये जिसके मुताबिक वित्तीय साल 2021-22 की पहली तिमाही में GDP विकास दर 20.1% रही. पिछले साल अप्रैल-जून की तिमाही में GDP सिकुड़ कर -24.4% रह गयी थी. इसी वजह से GDP विकास दर इस साल काफी ऊँची रिकॉर्ड की गयी है. अर्थव्यवस्था अभी प्री-कोविड स्तर पर नहीं पहुँच पायी है.

कोरोना महामारी के असर जूझती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मंगलवार को राहत की खबर आयी. सांख्यिकी मंत्रालय ने जीडीपी की दिशा-दशा पर अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा कि 2021-22 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून, 2021 के दौरान GDP विकास दर 20.1% रही. पिछले साल कोरोना की पहली लहर और सख्त लॉकडाऊन की वजह से पहली तिमाही में GDP - 24.4% सिकुड़ गयी थी. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही में GDP की रफ़्तार में बड़ी उछाल low base effect की वजह से है.

वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियन ने पहली प्रतिक्रिया में कहा - जीडीपी के ताज़ा आंकड़े पिछले साल भारत सरकार के वी-शेप्ड इकनोमिक रिकवरी के प्रोजेक्शन के मुताबिक हैं.

उधर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आगाह किया है कि अर्थव्यवस्था का स्तर अब भी प्री-कोरोना स्तर से नीचे बना हुआ है. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 'GDP में सुधार 2020-21 की पहली तिमाही में नेगेटिव (-) 24.4% ग्रोथ की वजह से है. इसका मतलब है पिछले साल की गिरावट से हम इस साल की पहली तिमाही में पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं. हम अब भी प्री-कोविड 2019-20 की पहली तिमाही के जीडीपी स्तर से नीचे हैं.'

वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के वि सुब्रमणियन के मुताबिक अगले साल अर्थव्यवस्था प्री-कोरोना स्तर पर पहुंचेगी.

कोरोना महामारी के इस दौर में अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुटीं वित्त मंत्री के लिए जीडीपी के ताज़ा आंकड़े कुछ राहत की खबर जरूर है. लेकिन कोरोना महामारी और अर्थव्यवस्था के कई मोर्चों पर चुनौती अब भी बानी हुई है और आने वाले महीनों में सरकार को और सजग और सतर्क रहना होगा.

बता दें कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि विश्वबैंक ने 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था के 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. वही, विश्वबैंक का अनुमान है कि 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी.

तिमाही दर तिमाही दिखा सुधार:-

चौथी तिमाही (Q4FY21) : 1.6%
तीसरी तिमाही (Q3FY21) : 0.4%
दूसरी तिमाही  (Q2FY21) : -7.5%
पहली तिमाही  (Q1FY21) : -23.9
पूरे वित्तीय वर्ष (FY21) : -7.3%
पूरे वित्तीय वर्ष (FY20) : 3.1%

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