पाकिस्तान में एक बार फिर से भारतीय राजनयिकों को प्रताड़ित किए जाने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में कई भारतीय राजनयिकों को प्रताड़ना (हैरैसमेंट) का सामना करना पड़ रहा है. उनको नए गैस कनेक्शन नहीं मिल रहे, राजनयिकों के यहां आने वाले अतिथियों का भी शोषण होता है. कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं, दिसंबर में ही एक अधिकारी के घर में एक घुसपैठिये के भी घुसने की घटना भी सामने आई थी. हालांकि, भारत ने इस मामले को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सामने उठाया है.
Sources: India has taken up this matter with Pakistan's Ministry of Foreign Affairs https://t.co/qgfOsWoKIj
— ANI (@ANI) December 22, 2018
दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को परेशान किए जाने की खबर आई है. इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले आ चुके हैं, जिसमें भारत सरकार ने सख्त विरोध जताया है.
इसी साल मार्च में भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान को एक‘ नोट वर्बेल' (राजनयिक संवाद) जारी किया था. उच्चायोग के कर्मचारियों को वहां‘डराने- धमकाने और परेशान करने” पर अपना विरोध जताने के लिए भारत ने यह राजनयिक नोट जारी किया था. तीन महीने से भी कम समय की अवधि में यह 12 वीं बार था जब भारत ने इस तरह का राजनयिक नोट जारी किया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजे गए नोट में भारतीय उच्चायोग ने परेशान करने की दो घटनाओं- एक आज की घटना और दूसरी 15 मार्च की घटना का विशिष्ट तौर पर उल्लेख किया.
वहीं, अप्रैल में भारत ने पाकिस्तान द्वारा अपने राजनयिकों को सिख श्रद्धालुओं से न मिलने देने पर कड़ा विरोध जताया था. दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान ने तीर्थयात्रा पर आए सिख श्रद्धालुओं को वहां के प्रमुख गुरुद्वारा जाने और भारतीय राजनयिकों से मिलने से रोका था. इस मामले को लेकर रविवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि करीब 1800 सिख श्रद्धालुओं का एक समूह तीर्थाटन सुगमता संबंधी द्विपक्षीय संधि के तहत 12 अप्रैल को पाकिस्तान की यात्रा पर गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं