
Vice President of Ghana gift: भारत और घाना के बीच मजबूत होते सांस्कृतिक संबंधों को एक और खूबसूरत आयाम मिला है. भारत सरकार ने घाना के उपराष्ट्रपति को एक बेशकीमती तोहफा दिया है, जो है असली कश्मीरी पश्मीना शॉल. यह शॉल न केवल भारत की उत्कृष्ट कारीगरी का प्रतीक है, बल्कि शाही गरिमा और परंपरा का भी अद्भुत उदाहरण भी है.
कश्मीरी पश्मीना शॉल को 'सोने से भी कीमती' माना जाता है. यह खास शॉल कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों में पाए जाने वाले चंगथांगी बकरी के बारीक अंडरकोट से बनाई जाती है. इसकी खासियत है इसकी बेमिसाल नरमी, हलकापन और जबरदस्त गर्माहट. यही वजह है कि दुनियाभर में यह भारतीय टेक्सटाइल का बेशकीमती रत्न मानी जाती है.
इस शॉल की बनावट पूरी तरह हस्तनिर्मित होती है. सबसे पहले महीन ऊन को हाथ से काता जाता है, फिर बुनाई और उसके बाद महीन हाथ की कढ़ाई की जाती है. शॉल पर कश्मीरी विरासत के प्रतीक फूलों और पेस्ले (अम्बी) डिज़ाइनों की बेहद खूबसूरत कढ़ाई की गई है, जिसे बनाने में कभी-कभी हफ्तों या महीनों तक का समय लग जाता है.
यह उपहार केवल एक गर्म कपड़ा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और कारीगरी का जीता-जागता उदाहरण है. घाना के उपराष्ट्रपति को दिया गया यह तोहफा भारतीय कारीगरों की कला और मेहनत का प्रतिनिधित्व करता है और दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती को भी दर्शाता है.
भारत का यह रॉयल गिफ्ट न केवल फैशन और स्टाइल की दृष्टि से खास है, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और परंपरा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह पश्मीना शॉल आने वाले वर्षों तक भारत की उत्कृष्टता और विरासत की याद दिलाती रहेगी.
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