खास बातें
- गोला-बारूद के चलते टैंकों के फटने वाले बैरलों का मुद्दा हल करने की मुहिम के तहत सरकार रूस के सहयोग से टी-90 टैंकों के बैरलों से बदलने की योजना बना रही है।
नई दिल्ली: गोला-बारूद के चलते टैंकों के फटने वाले बैरलों का मुद्दा हल करने की मुहिम के तहत सरकार रूस के सहयोग से टी-90 टैंकों के बैरलों से बदलने की योजना बना रही है।
भारतीय सेना के बख्तरबंद बेड़े का मुख्य आधार टी-72 टैंक अपने गोला-बारूद से समस्याओं का सामना कर रहा है क्योंकि कभी कभी वे बैरल में फट जाते हैं। ऐसे 200 मामलों की रिपोर्ट मिली है जिससे सेना को चिंता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय टी-72 टैंक में टी-90 टैंक के बैरल लगाने की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत रूस से 800 बैरल की खरीदारी की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि यह तकरीबन 1,500 करोड़ का सौदा होगा।
उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते रक्षा सचिव राधा कांत माथुर की मास्को यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच की उच्च स्तरीय वार्ता में इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
इसी साल सेना ने रक्षा पर संसद की स्थाई समिति को बताया था कि गोला-बारूद के चलते कई बार बैरल फट जाते हैं।
सेना ने समिति को बताया था, ‘यह (टी-72 टैंक का गोला-बारूद) बैरल में फट जाया करता है। अगर यह बैरल में फटता है तो दागने वाला अपनी तोप दागने में डरेगा जो उचित नहीं है। अगर वह अपनी तोप दागने में डरता है तो दुश्मन को देखने के बाद वह तोप नहीं दागेगा।’