सलमान खान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सन 2002 के मुंबई हिट एंड रन केस में सलमान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। घटना में जख्मी मुस्लिम शेख भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के सलमान को बरी करने के फैसले को चुनौती दी है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
बॉडी गार्ड का बयान नहीं माना हाई कोर्ट ने
शेख ने कहा है कि हाईकोर्ट ने सलमान के बॉडी गार्ड रवींद्र पाटिल के बयान को नहीं माना, यह बड़ी चूक है। पाटिल ने कहा था कि सलमान शराब के नशे में तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे। हाईकोर्ट ने सलमान की अल्कोहल टेस्ट रिपोर्ट को नहीं मानकर गलती की। सलमान के ब्लड सैंपल में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा थी। हाईकोर्ट ने गवाह के बयान को नजरअंदाज किया जिसमें कहा गया था कि सलमान ड्राइवर सीट से उतर रहे थे।
सबूतों को किया गया नजरअंदाज
शेख की याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने उस दस्तावेज को भी नजरअंदाज किया जिससे यह सिद्ध होता था कि सलमान फाइव स्टार होटल से शराब पीकर निकले थे। हाईकोर्ट ने उनके बयान को भी नजरअंदाज किया कि घटना में बायां पैर क्षतिग्रस्त हुआ था और वे वहां मौजूद थे। यहां तक कि हाईकोर्ट ने गाड़ी का निरीक्षण करने वाली रिपोर्ट पर भी ध्यान नहीं दिया जिसमें गाड़ी के टायर सही पाए गए थे।
मुआवजा न तो सरकार ने दिया, न ही सलमान ने
याचिकाकर्ता ने कहा है कि वे चल पाने में लाचार हो गए हैं लेकिन न तो सलमान, न ही महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया है। कोर्ट उसे मुआवजा दिलाए और मामले में उसे भी पार्टी बनाए। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र सरकार की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सरकार ने सलमान को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सलमान ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में खुद को बेकसूर बताते हुए कहा है कि न तो वे गाड़ी चला रहे थे न ही शराब पिए हुए थे। गाड़ी ड्राइवर अशोक चला रहा था। सलमान ने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं।
बॉडी गार्ड का बयान नहीं माना हाई कोर्ट ने
शेख ने कहा है कि हाईकोर्ट ने सलमान के बॉडी गार्ड रवींद्र पाटिल के बयान को नहीं माना, यह बड़ी चूक है। पाटिल ने कहा था कि सलमान शराब के नशे में तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे। हाईकोर्ट ने सलमान की अल्कोहल टेस्ट रिपोर्ट को नहीं मानकर गलती की। सलमान के ब्लड सैंपल में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा थी। हाईकोर्ट ने गवाह के बयान को नजरअंदाज किया जिसमें कहा गया था कि सलमान ड्राइवर सीट से उतर रहे थे।
सबूतों को किया गया नजरअंदाज
शेख की याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने उस दस्तावेज को भी नजरअंदाज किया जिससे यह सिद्ध होता था कि सलमान फाइव स्टार होटल से शराब पीकर निकले थे। हाईकोर्ट ने उनके बयान को भी नजरअंदाज किया कि घटना में बायां पैर क्षतिग्रस्त हुआ था और वे वहां मौजूद थे। यहां तक कि हाईकोर्ट ने गाड़ी का निरीक्षण करने वाली रिपोर्ट पर भी ध्यान नहीं दिया जिसमें गाड़ी के टायर सही पाए गए थे।
मुआवजा न तो सरकार ने दिया, न ही सलमान ने
याचिकाकर्ता ने कहा है कि वे चल पाने में लाचार हो गए हैं लेकिन न तो सलमान, न ही महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया है। कोर्ट उसे मुआवजा दिलाए और मामले में उसे भी पार्टी बनाए। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र सरकार की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सरकार ने सलमान को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सलमान ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में खुद को बेकसूर बताते हुए कहा है कि न तो वे गाड़ी चला रहे थे न ही शराब पिए हुए थे। गाड़ी ड्राइवर अशोक चला रहा था। सलमान ने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं।
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