ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के आंकड़े न होने के बारे में केंद्र का बयान मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस के बीच विवाद का विषय बन गया. जबकि कई कांग्रेस नेता सरकार पर हमलावर थे. इस मुद्दे पर राहुल गांधी के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखा जवाब दिया. दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या बना. ऑक्सीजन की कमी का अस्पतालों ने सामना किया. देश के कुछ हिस्सों से मरीजों की मौत की सूचना मिली और यह मामला अदालतों तक भी पहुंचा. केंद्र ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि उसे राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत के संबंध में कोई डेटा नहीं मिला है.
बाद में शाम को, राहुल गांधी ने सरकार के जवाब के बारे में समाचार को टैग करते हुए हिंदी में ट्वीट किया "सिर्फ़ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी. संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी- तब भी थी, आज भी है."
सिर्फ़ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2021
संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी-
तब भी थी, आज भी है। pic.twitter.com/DPhjih2jbX
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब इटालियन में दिया. उन्होंने लिखा "मैं इस राजकुमार के बारे में कहूंगा: उसके पास तब दिमाग की कमी थी, वह अब उसे याद करता है और वह इसे हमेशा के लिए याद करेगा. ये सूचियां राज्यों द्वारा संकलित की जाती हैं. आप अपनी पार्टी द्वारा शासित राज्यों को संशोधित सूचियां जमा करने के लिए कह सकते हैं. तब तक झूठ बोलना बंद करो."
Di questo principe direi: gli mancava il cervello allora, gli manca ora e gli mancherà per sempre. Questi elenchi sono compilati dagli stati. Puoi dire agli stati governati dal tuo partito di inviare elenchi modificati. Fino ad allora smettila di mentire. https://t.co/LYog1FRX2H
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 20, 2021
कांग्रेस ने मंगलवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार पर यह गलत सूचना देकर संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई. इस पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस लाएंगे क्योंकि उन्होंने सदन को गुमराह किया है.
वेणुगोपाल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी.
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि ‘‘बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी. महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई.''
वेणुगोपाल ने कहा कि सभी ने देखा है कि राष्ट्रीय राजधानी सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कैसे लोगों की मौत हुई. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''दरअसल, मंत्री ने सदन को गुमराह किया और मैं निश्चित रूप से मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करूंगा क्योंकि मंत्री ने गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह किया.''
केसी वेणुगोपाल ने कहा, "यह एक अंधी और बेफिक्र सरकार है. लोगों ने देखा है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कितने अपनों की मौत हुई है."
गोवा में, मई में पांच दिनों में एक सरकारी चिकित्सा सुविधा में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई. आंध्र प्रदेश के तिरुपति में, अस्पताल के आईसीयू में 11 कोविड रोगियों की चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के बाद मृत्यु हो गई. हैदराबाद के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति में दो घंटे की कटौती के दौरान एक सरकारी अस्पताल में सात मरीजों की मौत हो गई.
ज्यादातर जगहों पर अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं. पिछले महीने केंद्र ने दिल्ली सरकार द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण हुई मौतों की जांच के आदेश को वीटो कर दिया था. दिल्ली के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 21 मरीजों की मौत हो गई और यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.
नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में इस मुद्दे पर सरकार का बचाव किया.
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