कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर आंदोलनरत किसानों के विरोध का सामना कर रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा है कि राजनेताओं ने धैर्य रखते हुए विरोध का सामना किया है लेकिन 'किसी के लिए भी अपनी सीमा पार करना ठीक नहीं होगा.' यह बयान बुधवार को गाजीपुर में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर कृषि कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद सामने आया है. खट्टर ने कहा, 'किसान (kisan) शब्द शुद्ध/पवित्र है और हर कोई इसके प्रति सम्मान रखता है. कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण यह शब्द 'कलंकित' हो गया है. बहनों-बेटियों की गरिमा छीन ली गई है, हत्याएं हो रही है और रास्ते ब्लॉक किए जा रहे हैं. मैं इस घटना को अलोकतांत्रिक मानते हुए इसकी निंदा करता हूं.'
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इन रिपोर्टों कि राजनेता जब घर जा रहे हैं तो उन्होंने किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है, खट्टर ने कहा कि सरकार चला रहे लोगों की राज्य के लोगों से मिलने की जिम्मेदारी है. सीएम ने कहा, 'हमने सब्र रखा है लेकिन वे धमकियां दे रहे हैं कि सीएम, डिप्टी सीएम गांवों का दौरान नहीं कर सकते. सरकार चलाने वालों की लोगो से मिलने और उनकी समस्याओं को जानने की जिम्मेदारी होती है. वे हमें कितना भी उकसा लें लेकिन हमने शांति बनाए रखी है क्योंकि हम जानते हैं कि हरियाणा के हमारे अपने लोग हैं लेकिन किसी के लिए अपनी सीमा का लांघना उचित नहीं होगा.'
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गौरतलब कि कृषि कानून को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं, इसमें मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान है. ये किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
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