गाजीपुर बॉर्डर पर हंगामा, बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप, 'किसानों ने गाड़ियों में तोड़फोड़ की'

बीजेपी के कुछ नेता/कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पर अमित प्रधान नाम के पार्टी संगठन से जुड़े नेता का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे इसी दौरान हंगामा और प्रदर्शन हो गया.

गाजीपुर बॉर्डर पर हंगामा, बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप, 'किसानों ने गाड़ियों में तोड़फोड़ की'

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की नौबत आई

खास बातें

  • अपने नेता का स्‍वागत करने के लिए पहुंचे थे बीजेपी कार्यकर्ता
  • इस दौरान वहां किसान पहुंच गए, काले झंडे लिए हुए थे
  • बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दोषियों पर सख्‍त कार्रवाई की मांग की
नई दिल्ली:

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों और बीजेपी नेताओं के बीच झड़प की खबर है. जानकारी के अनुसार, बीजेपी के कुछ नेता कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पर अमित प्रधान नाम के पार्टी संगठन से जुड़े नेता का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे इसी दौरान हंगामा और प्रदर्शन हो गया. प्रदर्शनकारी किसानों ने हंगामा और पथराव शुरू कर दिया, काले झंडे भी दिखाए. मौके पर मौजूद पुलिस ने बीजेपी नेता की गाड़ी को किसी तरह वहां से निकलवाया. घटना के बाद बीजेपी कार्यकर्ता काफी संख्या में गाजियाबाद एसएस पी दफ्तर पहुचे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. उनका कहना हैं कि किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की है. 

ujop0nsप्रदर्शन और हंगामे के दौरान कई वाहनों के शीशे टूट गए

बीजेपी महानगर उपाध्यक्ष ग़ाज़ियाबाद रंजीता सिंह ने बताया कि हम पार्टी के नेता का स्‍वागत करने के लिए कोविड के नियमों का पालन करने के लिए शालीनता के यहां खड़े हुए थे. उन्‍होंने आरोप लगाया कि राकेश टिकैत के 'गुंडे' तलवार-भाला लेकर आए और हमारी गाड़ियों में तोड़फोड़ को. काफी संख्‍या में गाडि़यों को नुकसान पहुंचाया गया. वाल्‍मीकि समाज पर हमला हुआ है, हम चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि किसान इनके साथ नहीं है क्‍योंकि किसान फसल और खेत छोड़कर इस तरह सड़कों पर नहीं रहता. गौरतलब कि कृषि कानून को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत है और गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे हैं. वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

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