मुंबई:
पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा देश के सबसे खुशहाल राज्यों में शामिल हैं जबकि दक्षिणी राज्य, गुजरात और अधिकतर पूर्वोत्तर राज्य महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित हैं।
टाटा स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप ने विभिन्न सरकारी सूत्रों और सर्वेक्षणों के विश्लेषण के आधार पर बुधवार को जारी खुशहाली सूचकांक (डब्ल्यूबीआई) और महिला सुरक्षा सूचकांक (एफएसआई) में बताया कि पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश खुशहाली सूचकांक में शीर्ष पर रहे जबकि छत्तीसगढ़, असम, झारखंड और बिहार इस मामले में सबसे निचले पायदान पर रहे।
टाटा स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजू भिंगे ने बताया कि महिला सुरक्षा सूचकांक में मेट्रो शहरों में सबसे नीचे हैदराबाद और दिल्ली रहे जबकि चेन्नई और बेंगलुरु शीर्ष पर रहे। देश के दक्षिणी राज्य, गुजरात और अधिकतर पूर्वोत्तर राज्य महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित हैं जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान इस सूचकांक में सबसे नीचे रहे।
देश में छह वर्ष तक के बच्चों का लिंगानुपात, दहेज के कारण होने वाली मौतों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसे सामाजिक पैमानों का अध्ययन करने के बाद एफएसआई सूचकांक तैयार किया गया है।
भिंगे ने कहा, ‘इस अध्ययन में कई दिलचस्प तथ्य सामने आए। एफसीआई में दक्षिणी राज्य, गुजरात और अधिकतर पूर्वोत्तर राज्य शीर्ष पर हैं जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली निचले पायदान पर हैं। डब्ल्यूबीआई की सूची में शीर्ष 10 स्थानों पर रहने वाले राज्यों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा शामिल हैं। डब्ल्यूबीआई और एफएसआई दोनों की सूची में शीर्ष 10 में शामिल होने वाला तमिलनाडु एकमात्र बड़ा राज्य है।’
महिला सुरक्षा सूचकांक के अध्ययन से पता चलता है कि इस मामले में उत्तर और दक्षिण भारत के बीच खाई स्पष्ट है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दुष्कर्म के मामलों और दहेज से होने वाली मौतों में सबसे आगे है। दक्षिणी भारत के राज्य खुशहाली और महिला सुरक्षा सूचकांक दोनों में आगे रहे जबकि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे आर्थिक रूप से सबसे खुशहाल कुछ राज्य महिला सुरक्षा के मामले में सबसे पीछे हैं।
टाटा स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप ने विभिन्न सरकारी सूत्रों और सर्वेक्षणों के विश्लेषण के आधार पर बुधवार को जारी खुशहाली सूचकांक (डब्ल्यूबीआई) और महिला सुरक्षा सूचकांक (एफएसआई) में बताया कि पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश खुशहाली सूचकांक में शीर्ष पर रहे जबकि छत्तीसगढ़, असम, झारखंड और बिहार इस मामले में सबसे निचले पायदान पर रहे।
टाटा स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजू भिंगे ने बताया कि महिला सुरक्षा सूचकांक में मेट्रो शहरों में सबसे नीचे हैदराबाद और दिल्ली रहे जबकि चेन्नई और बेंगलुरु शीर्ष पर रहे। देश के दक्षिणी राज्य, गुजरात और अधिकतर पूर्वोत्तर राज्य महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित हैं जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान इस सूचकांक में सबसे नीचे रहे।
देश में छह वर्ष तक के बच्चों का लिंगानुपात, दहेज के कारण होने वाली मौतों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसे सामाजिक पैमानों का अध्ययन करने के बाद एफएसआई सूचकांक तैयार किया गया है।
भिंगे ने कहा, ‘इस अध्ययन में कई दिलचस्प तथ्य सामने आए। एफसीआई में दक्षिणी राज्य, गुजरात और अधिकतर पूर्वोत्तर राज्य शीर्ष पर हैं जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली निचले पायदान पर हैं। डब्ल्यूबीआई की सूची में शीर्ष 10 स्थानों पर रहने वाले राज्यों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा शामिल हैं। डब्ल्यूबीआई और एफएसआई दोनों की सूची में शीर्ष 10 में शामिल होने वाला तमिलनाडु एकमात्र बड़ा राज्य है।’
महिला सुरक्षा सूचकांक के अध्ययन से पता चलता है कि इस मामले में उत्तर और दक्षिण भारत के बीच खाई स्पष्ट है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दुष्कर्म के मामलों और दहेज से होने वाली मौतों में सबसे आगे है। दक्षिणी भारत के राज्य खुशहाली और महिला सुरक्षा सूचकांक दोनों में आगे रहे जबकि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे आर्थिक रूप से सबसे खुशहाल कुछ राज्य महिला सुरक्षा के मामले में सबसे पीछे हैं।
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