 
                                            प्रतीकात्मक तस्वीर
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थल गुजरात उन पांच भारतीय राज्यों में शीर्ष पर है, जो जाली नोट खपाने की दृष्टि से 'सबसे सुरक्षित' माने गए हैं। यह बात राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी ताजा आकड़ों में निकलकर सामने आई है। जाली नोट कथित रूप से पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) एजेंसी द्वारा भारतीय राज्यों में खपाए जा रहे हैं।
वर्ष 2014 में देशभर से जब्त किए गए 3,03,54,604 जाली नोटों में से 87,47,820 नोट गुजरात से बरामद किए गए थे। वहीं, छत्तीसगढ़ में 73,86,900; जबकि आंध्र प्रदेश में 54,37,600; पंजाब में 32,49,000 और हरियाणा में 16,96,850 जाली नोट बरामद हुए थे।
नकली नोटों को खपाने की कारसाजी पर नजर रख रहे पुलिस अधिकारियों ने आशंका जताई है कि आईएसआई भारत में 1,000 और 5,00 रुपये के नकली नोट ज्यादा खपा रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान के 1,000 और 5,00 रुपये के नोट से काफी मिलते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वे पिछले कुछ महीनों से गौर कर रहे हैं कि असली और नकली नोटों के बीच फर्क कम हो रहा है और ऐसे करीब पांच अंतर असल मायने में करीब-करीब गायब ही हो गए हैं।
एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'नोट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कागज अब ज्यादा समान है। करारापन लगभग एक जैसा है। नकली नोटों पर नजर आने वाला सुरक्षा धागा (दाईं ओर के आधे हिस्से में) भी असली नोट के सुरक्षा धागा जैसा ही दिखता है।' अधिकारी ने कहा, 'धुंधला प्रतीक (महात्मा गांधी का हल्का सा चित्र) भी करीब-करीब मेल खाता है।'
देशभर में जब्त किए गए 30,354,604 नकली नोटों में 1,000 रुपये के नोटों की संख्या सर्वाधिक 19,895,000 थी। देशभर से बरामद हुए 500, 100 और 50 रुपये के नकली नोटों की संख्या क्रमश: 9,490,500; 9,38,800 और 25,000 थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के डाटा के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में 1,000 रुपये के सर्वाधिक 72,24,000 नकली नोट बरामद किए गए थे।
नकली नोटों की बरामदगी के मामले में गुजरात दूसरे स्थान पर है। यहां 1,000 रुपये के 24,41,000 नकली नोट बरामद हुए। पंजाब में 31,79,000 और आंध्र प्रदेश में 24,41,000 नकली नोट बरामद हुए थे।
भारतीय खुफिया एजेंसियां इस बात से चिंतित हैं कि जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) के कुछ पारंपरिक तस्करी मार्ग बंद किए जाने के बावजूद देश में नकली नोट पहुंचने का सिलसिला उसी रफ्तार से जारी है।
                                                                        
                                    
                                वर्ष 2014 में देशभर से जब्त किए गए 3,03,54,604 जाली नोटों में से 87,47,820 नोट गुजरात से बरामद किए गए थे। वहीं, छत्तीसगढ़ में 73,86,900; जबकि आंध्र प्रदेश में 54,37,600; पंजाब में 32,49,000 और हरियाणा में 16,96,850 जाली नोट बरामद हुए थे।
नकली नोटों को खपाने की कारसाजी पर नजर रख रहे पुलिस अधिकारियों ने आशंका जताई है कि आईएसआई भारत में 1,000 और 5,00 रुपये के नकली नोट ज्यादा खपा रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान के 1,000 और 5,00 रुपये के नोट से काफी मिलते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वे पिछले कुछ महीनों से गौर कर रहे हैं कि असली और नकली नोटों के बीच फर्क कम हो रहा है और ऐसे करीब पांच अंतर असल मायने में करीब-करीब गायब ही हो गए हैं।
एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'नोट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कागज अब ज्यादा समान है। करारापन लगभग एक जैसा है। नकली नोटों पर नजर आने वाला सुरक्षा धागा (दाईं ओर के आधे हिस्से में) भी असली नोट के सुरक्षा धागा जैसा ही दिखता है।' अधिकारी ने कहा, 'धुंधला प्रतीक (महात्मा गांधी का हल्का सा चित्र) भी करीब-करीब मेल खाता है।'
देशभर में जब्त किए गए 30,354,604 नकली नोटों में 1,000 रुपये के नोटों की संख्या सर्वाधिक 19,895,000 थी। देशभर से बरामद हुए 500, 100 और 50 रुपये के नकली नोटों की संख्या क्रमश: 9,490,500; 9,38,800 और 25,000 थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के डाटा के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में 1,000 रुपये के सर्वाधिक 72,24,000 नकली नोट बरामद किए गए थे।
नकली नोटों की बरामदगी के मामले में गुजरात दूसरे स्थान पर है। यहां 1,000 रुपये के 24,41,000 नकली नोट बरामद हुए। पंजाब में 31,79,000 और आंध्र प्रदेश में 24,41,000 नकली नोट बरामद हुए थे।
भारतीय खुफिया एजेंसियां इस बात से चिंतित हैं कि जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) के कुछ पारंपरिक तस्करी मार्ग बंद किए जाने के बावजूद देश में नकली नोट पहुंचने का सिलसिला उसी रफ्तार से जारी है।
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