GST (Goods and Sevices Tax) मुआवजे के मुद्दे पर छह गैर-बीजेपीशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में इन राज्यों ने केंद्र को उसके 'संवैधानिक कर्तव्यों' की याद दिलाते हुए जीएसटी मुआवजे को लेकर एक 'स्थायी विकल्प' ढूंढने को कहा है. केंद्र से कहा गया है कि वो जीएसटी मुआवजे में 2.35 लाख करोड़ के बकाए को भरे. यह चिट्ठी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखी है. उन्होंने मांग रखी है कि केंद्र सरकार राज्यों को बाजार से अलग-अलग से उधार लेने के बजाय खुद जरूरत के हिसाब से उधार ले और जीएसटी सेस को 2021/22 के पार बढ़ाकर बकाया भरा जाए.
चिट्ठी लिखने वाले मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि अगर राज्य उधार लेंगे तो इसे चुकाने का बोझ बढ़ जाएगा और वो पहले ही आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं. केजरीवाल ने कहा, 'राज्यों का शोषण करने वाला बोझ डाला जा रहा है, जो पहले ही रेवेन्यू कलेक्शन में कमी आने और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अतिरिक्त खर्च का बोझ उठा रहे हैं.'
पलानीसामी ने लिखा, 'राज्यों को उधार लेने को कहा जा रहा है...ताकि मुआवजे की भरपाई की जा सके....यह प्रशासकीय तौर पर परेशानी है....और ज्यादा खर्चीला है.' उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसियों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उधार कौन ले रहा है. वहीं केसी राव ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने की अपनी जिम्मेदारी निभाने का वादा तोड़ने की स्थिति में है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने ट्विटर पर चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा कि 'GST मुआवजे की भरपाई के लिए राज्यों को उधार का विकल्प दिया जाना GST को संवैधानिक रूप से लागू किए जाने से पहले हुए समझौते की भावना से मेल नहीं खाता है.'
ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि 2013 में बीजेपी ने जीएसटी का जिस वजह से विरोध किया था, आज वो खुद वही काम कर रही है. उन्होंने लिखा, '2013 में बीजेपी के विरोध का बस अकेली वजह यही थी कि वो तत्कालीन सरकार पर जीएसटी मुआवजा भरने को लेकर भरोसा नहीं करती थी. आज जब हम इसी वजह से केंद्र की बीजेपी सरकार से भरोसा खो रहे हैं तो उनके (पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली) के वो शब्द हमारे कानों में बज रहे हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों के बजाय अगर केंद्र उधार लेता है, उसे कम ब्याज दर पर कर्ज मिल जाएगा.
बता दें कि वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बताया था कि जीएसटी संग्रह अगस्त महीने में 86,449 करोड़ रुपये रहा है, यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी संग्रह कम हुआ है. सालाना आधार पर जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत कम रहा. पिछले साल इसी महीने में माल एवं सेवा कर संग्रह 98,202 करोड़ रुपए था. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अर्थव्यवस्था और सिकुड़ सकती है, जिससे कि मुआवजा भरना मुश्किल होगा.
इस पर गैर-बीजेपी शासित राज्य कड़ा रुख अपना रहे हैं. सोमवार को 6 गैर-बीजेपी शासित राज्यों- केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के जीएसटी इन-चार्ज मंत्रियों ने ऑनलाइन मीटिंग भी की थी. इस बैठक के बाद इन राज्यों ने जीएसटी मुआवजे के लिए केंद्र सरकार के उधार लेने वाले विकल्प को खारिज कर दिया था.
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