केंद्र सरकार (Centre Govt) ने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने में ढिलाई के खिलाफ चेतावनी दी है. सरकार ने कई पर्यटक स्थलों पर भारी भीड़ की तस्वीरें और वीडियो का जिक्र करते हुए यह बात कही. स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में सैलानियों की भारी भीड़ के वीडियो के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि कोरोनावायरस (Coronavirus) भीड़भाड़ वाली जगहों पर तेजी से फैलता है.
ब्रिटेन में भी कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. 2020 यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के ग्रुप स्टेज और नॉक-आउट मैचों के लिए जून में लंदन के वेम्बली स्टेडियम में कुल 1.19 लाख लोगों को अनुमति दी गई थी. अनुमानित तौर पर इस हफ्ते दो सेमीफाइनल देखने के लिए 1.22 लाख लाख लोग वहां पहुंचे और माना जा रहा है कि करीब 60,000 लोग रविवार को होने वाले फाइनल मैच के लिए वहां पहुंचेंगे.
इंग्लैंड अब कोरोना मामलों की एक नई लहर का सामना कर रहा है, माना जा रहा है कि फुटबॉल इवेंट और नए वेरिएंट के सामने आने के बाद वहां मामले बढ़े हैं. UK में 19 जुलाई से प्रतिबंध हटाने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन वहां जनवरी के बाद पहली बार 30,000 से अधिक दैनिक नए मामले सामने आए हैं.
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रविवार के मैच के बाद विशेषज्ञों को कोरोना मामलों में बढ़ोतरी का डर है, जो 55 वर्षों में इंग्लैंड का पहला फाइनल है और जिसे हजारों प्रशंसकों द्वारा देखा जाएगा. वहां कई लोग बिना मास्क के नजर आ रहे हैं. वे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए पब और शहर की सड़कों पर पार्टी कर रहे हैं. यह भी सच है कि ब्रिटेन में काफी तेजी और प्रभावी तौर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. वहां की जनसंख्या के कुल 51.1 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं.
वेम्बली मैचों को बड़ी भीड़ के लिए "पायलट इवेंट" के तौर पर बताया गया, जहां फैंस को या तो कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी या फिर उन्हें दोनों डोज लगाए जाने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा.
भारत के लिए संभावित रूप से चिंताजनक संकेत यह है कि भले ही यूरोपीय संघ के देशों में मजबूत टीकाकरण अभियान चल रहा है, कुछ सरकारें पिछले साल के लिए निर्धारित किए यूरो 2020, जिसे कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था, से डरती हैं. माना जा रहा है कि इसके चलते अभी भी मामलों में वृद्धि हो सकती है.
इस हफ्ते WHO ने भी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को लेकर देशों को आगाह किया था. संगठन के यूरोप के डायरेक्टर हैंस क्लूगे ने कहा कि अगर हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो नई लहर आ जाएगी. जब उनसे पूछा गया कि क्या यूरो 2020 कोरोना के फैलाव की वजह बना, तो जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता लेकिन इसे अलग नहीं रखा जा सकता. (इनपुट एजेंसी के साथ)
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