नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में पैरा मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर देशभर में हो रहे आंदोलनों के आगे झुकते हुए सरकार ने मामले की जांच एवं महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए उपाय सुझाने की खातिर न्यायिक आयोग का गठन करने की घोषणा की। सरकार ने साथ ही यह भी संकेत दिया कि बलात्कार के लिए अधिकतम सजा बढ़ाकर फांसी की जा सकती है।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन बढ़ने के बीच सरकार की ओर से उठाए जाने वाले शृंखलाबद्ध कदमों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बलात्कार की घटना में लापरवाही बरतने पर पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक करने के बाद कहा कि सरकार इस घिनौने अपराध पर आने वाली प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए जांच आयोग कानून 1952 के तहत एक जांच आयोग गठित करेगी। यह आयोग राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा सुधारने के लिए उपाय सुझाएगा।
बलात्कारियों के लिए मौत की सजा की मांग के बीच शिंदे ने कहा कि इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कड़ा कानून बनाने की खातिर आपराधिक कानून में संशोधन के लिए कदम उठाए जाएंगे ताकि यौन उत्पीड़न के इस तरह के दुर्लभ से दुर्लभतम मामले में और अधिक प्रभावी सजा सुनिश्चित हो सके।
बार-बार यह पूछे जाने पर कि बढ़ी हुई सजा का मतलब मौत की सजा है, उन्होंने कहा कि इस मामले में जटिल कानूनी मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि इस पर सरकार की ओर से निर्णय किए जाने से पहले इसे कानून मंत्रालय के साथ उठाकर विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया जाएगा।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन बढ़ने के बीच सरकार की ओर से उठाए जाने वाले शृंखलाबद्ध कदमों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बलात्कार की घटना में लापरवाही बरतने पर पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक करने के बाद कहा कि सरकार इस घिनौने अपराध पर आने वाली प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए जांच आयोग कानून 1952 के तहत एक जांच आयोग गठित करेगी। यह आयोग राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा सुधारने के लिए उपाय सुझाएगा।
बलात्कारियों के लिए मौत की सजा की मांग के बीच शिंदे ने कहा कि इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कड़ा कानून बनाने की खातिर आपराधिक कानून में संशोधन के लिए कदम उठाए जाएंगे ताकि यौन उत्पीड़न के इस तरह के दुर्लभ से दुर्लभतम मामले में और अधिक प्रभावी सजा सुनिश्चित हो सके।
बार-बार यह पूछे जाने पर कि बढ़ी हुई सजा का मतलब मौत की सजा है, उन्होंने कहा कि इस मामले में जटिल कानूनी मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि इस पर सरकार की ओर से निर्णय किए जाने से पहले इसे कानून मंत्रालय के साथ उठाकर विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया जाएगा।
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