तब्लीगी जमात से जुडे़ विदेशी नागरिक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न देशों के विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के गृह मंत्रालय के फैसले को चुनौती दी है. सात विदेशी नागरिकों ने गृह मंत्रालय के इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार का ये फैसला अंसवैधानिक है क्योंकि ब्लैकलिस्ट करने से पहले ना तो उनको नोटिस दिया गया और ना ही उनका पक्ष सुना गया है.
दरअसल 2 अप्रैल को प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने 35 देशों के 960 विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के सरकार के फैसले की सूचना दी थी जो भारत में मौजूद थे. साथ ही ऐसे विदेशी नागरिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी के साथ-साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त को आदेश जारी किए गए.
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है कि इस फैसले के बाद 4 अप्रैल को सरकार ने भारत में मौजूद 2500 विदेशियों को 10 साल की अवधि के लिए भारत की यात्रा से ब्लैकलिस्ट कर दिया, लेकिन इसके बारे में कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है. याचिका में इस फैसले को रद्द करने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ताओं में थाईलैंड के दो, केन्या, माले, मोरक्को, ट्यूनीशिया और मलेशिया के एक-एक नागरिक शामिल हैं. इनमें एक सात महीने की गर्भवती भी है.
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