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This Article is From Jan 26, 2017

विदेश सचिव का कार्यकाल बढ़ाने को सरकार ने 95 साल पुराने नियम में किया फेरबदल

विदेश सचिव का कार्यकाल बढ़ाने को सरकार ने 95 साल पुराने नियम में किया फेरबदल
एस जयशंकर का दो साल का कार्यकाल रविवार को ही समाप्त हुआ था... (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने विदेश सचिव एस जयशंकर को एक साल का कार्यकाल विस्तार देने के लिए 95 साल पुराने नियम में एक बड़ा बदलाव किया है.

दरअसल, सोमवार को विदेश सचिव एस जयशंकर का कार्यकाल एक साल यानी अगले साल 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया. जयशंकर का दो साल का कार्यकाल रविवार को ही समाप्त हुआ था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कार्मिक मंत्रालय ने कार्यकाल का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मूलभूत नियमावली, 1922 के एक प्रावधान में संशोधन किया. फिलहाल सेवा नियमावली सीबीआई निदेशक के अलावा विदेश, रक्षा और गृह सचिवों को दो साल का निर्धारित कार्यकाल प्रदान करती है. यह शामिल करने के लिए नियमावली संशोधित की गई है कि केंद्र सरकार, अगर जरूरी समझती हो, तो जनहित में विदेश सचिव के दो साल के कार्यकाल को और एक साल के लिए बढ़ा सकती है.

वर्ष 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर को 29 जनवरी, 2015 को सुजाता सिंह के रिटायर होने से महज कुछ दिन पहले ही विदेश सचिव नियुक्त किया गया था. बतौर विदेश सचिव सुजाता सिंह का कार्यकाल अकस्मात छोटा कर दिया गया था.

एस जयशंकर को कार्यकाल में एक साल का विस्तार मिलने से इटली में भारत के राजदूत अनिल वाधवा (1979 बैच), सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता समेत कई वरिष्ठ नौकरशाह बिना शीर्ष पद हासिल किए सेवानिवृत हो जाएंगे. जयशंकर के स्थान पर मुख्य दावेदार समझे जाने वाले चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले जनवरी, 2019 के आखिर में सेवानिवृत हो रहे हैं.

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