5 सितंबर को प्रधानमंत्री का भाषण देशभर के स्कूलों में दिखाए जाने को लेकर केंद्र ने अपने निर्देश में अब थोड़ा बदलाव कर दिया है। केंद्र की तरफ़ से जारी नोट में निर्देश दिया गया था कि ये सभी स्कूलों में दिखाया जाना है और जहां टीवी नहीं हैं, वहां उधार या किराये पर टीवी का इंतज़ाम किया जाए जिसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी।
लेकिन, अब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने सफ़ाई देते हुए कहा है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से ऐच्छिक है। यानी जो स्कूल यह भाषण लाइव दिखाना चाहें वे दिखाएं, जो न दिखाना चाहें, वे न दिखाएं।
दरअसल इससे पहले कुछ ग़ैर-बीजेपी सरकारों ने इस पर होने वाले खर्च को लेकर ऐतराज़ जताया था। ये भी दलील थी कि कई स्कूलों में छात्रों की संख्या ज़्यादा होने से स्कूल दो शिफ्ट्स में चलाना पड़ता है, लिहाज़ा सभी बच्चों को एक साथ बिठाकर भाषण दिखाना संभव नहीं हो पाएगा।
कई ग़ैर-भाजपाई सरकारों को इस बात से ऐतराज़ था कि उनके खर्चों पर मोदी का भाषण सुनाया जाए। क्योंकि जिन स्कूलों में टीवी नहीं है, वहां टीवी उधार या किराए पर लेने की हिदायत दी गई थी। लेकिन, अब स्मृति ईरानी का कहना है कि अगर कोई ग़लतफ़हमी हुई है, तो अफ़सोसनाक है और ये पूरी तरह से ऐच्छिक गतिविधि होगी।
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