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This Article is From Oct 20, 2020

कोरोना वैक्‍सीन विकसित करने में जीजान से जुटे हैं हमारे वैज्ञानिक : पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि पूरा इलाज होने तक बीमारी को हल्‍के में नहीं लेना चाहिए जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, उन्‍होंने कहा कि त्‍योहार का समय खुशियों मनाने का समय होता है लेकिन छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है.

कोरोना वैक्‍सीन विकसित करने में जीजान से जुटे हैं हमारे वैज्ञानिक : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Corona Pandemic: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) ने देश के नाम संबोधन (Address to the Nation) में साफ कहा है कि लॉकडाउन भले ही चला गया है लेकिन कोरोना वायरस अभी गया नहीं है, ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग किसी भी तरह से कमजोर नहीं पड़नी चाहिए.ऐसे समय जब देश में त्‍योहारों का मौसम (Festive Season) है और और कई जगह सोशल डिस्‍टेसिंग के नियम टूटने की घटनाएं सामने आई हैं, पीएम ने कहा कि पूरा इलाज होने तक बीमारी को हल्‍के में नहीं लेना चाहिए जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, उन्‍होंने कहा कि त्‍योहार का समय खुशियों मनाने का समय होता है लेकिन छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है. कोरोना वैक्‍सीन के बारे में जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि दुनियाभर में वैक्‍सीन पर काम हो रहा है. हमारे देश वैक्‍सीन के लिए जीजान से जुटे हैं. पीएम ने कहा कि कोरोना की वैक्‍सीन जब भी आएगी, वह जल्‍द से जल्‍द हर नागरिक तक कैसे पहुंचे, इसके लिए तैयारी जारी है, तेजी से काम हो रहा है. 

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गौरतलब है कि रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत के पास अगले कुछ महीनों में कोविड-19 का टीका होने की उम्मीद है. उन्‍होंने बताया कि दो कंपनियां, सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक जल्‍द ही अपने आखिरी चरण के क्‍लीनिकल ट्रायल शुरू कर सकती हैं. सके एक दिन पहले डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज लिमिटेड और द रशियन डायरेक्‍ट इनवेस्‍टमेंट फंड ने कहा था कि उन्‍हें रूसी वैक्‍सीन के क्‍लीनिकल ट्रायल के लिए अप्रूवल मिल गया है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि देश में टीकों का वितरण किस प्रकार से किया जाए इसे लेकर हमारे विशेषज्ञ समूह पहले से ही रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं. हम निश्चित रूप से कोल्ड चेन सुविधाओं को मजबूत कर रहे हैं. इ इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री यह कह चुके हैं कि भारत की बड़ी आबादी को देखते हुए एक वैक्सीन या एक वैक्सीन विनिर्माता पूरे देश की वैक्सीन की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है. इसलिए हम भारतीय आबादी के लिए उनकी उपलब्धता के अनुसार, देश में कई COVID-19 वैक्सीन को पेश करने की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए स्वतंत्र हैं.

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