दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से जबरन वसूली की कोशिश के मामले में गिरफ्तार पांच लोगों को सोमवार को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोपियों की तीन दिन की हिरासत में पूछताछ की अवधि समाप्त होने पर पुलिस ने उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट उद्भव कुमार जैन के समक्ष पेश किया, जिन्होंने उन्हें नौ जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने आरोपियों को दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आवेदन दिया था और कहा था कि उनसे आगे और पूछताछ करने की जरूरत नहीं है.
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अदालत ने दो आरोपियों अमित कुमार मांझी और निशांत सिंह राणा की आवाज के नमूने लेने संबंधी पुलिस की याचिका भी स्वीकार कर ली. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने अदालत के सामने यह दावा किया था कि इन पांचों ने 17 दिसंबर से लेकर 23 दिसंबर के बीच अजय मिश्रा टेनी को कम से कम 30 से 40 बार धमकी भरे कॉल किए और 2 करोड़ रुपए की मांग की. पुलिस इनके एक और फरार साथी की तलाश कर रही है. इनके पास से कॉल के लिए इस्तेमाल की गई डिवाइस भी बरामद कर ली गई है. इन पांच आरोपियों के रोल अलग अलग थे. इनका मास्टरमाइंड कबीर और अमित है जो दिल्ली में एक कॉल सेंटर चलाता था.
इनका एक साथी प्रभात अभी फरार है, जिसकी तलाश दिल्ली पुलिस कर रही है. गिरफ्तार अश्वनी IT एक्सपर्ट है, जो गूगल सर्च कर अनयूज की डिटेल्स निकलता और फिर उन्हें VOIP कालिंग के लिए इस्तेमाल करता था और स्काई लाइट नाम की ऐप से नंबर फ़्लैश करता था. कुल कॉल्स का 15% निशांत नाम के आरोपी ने की है और 85% कॉल्स अमित काला नाम के ही दूसरे आरोपी ने की है.
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