आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने अपनी जान खतरे में डालकर अपनी मां से अलग हो चुकी 6 साल की बच्ची को चलती से ट्रेन से कूदने से रोका. मुम्ब्रा स्टेशन पर आरपीएफ और एमएसएफ़ की तत्परता के चलते फिलहाल, अब मां बेटी दोनों ही सुरक्षित हैं. आरपीएफ के मुताबिक, 14 दिसंबर को साढ़े दस बजे के करीब 29 साल की महिला रिजबान सफद खान ने मुम्बई जाने के लिए लोकल गाड़ी में पहले अपनी 6 साल की बेटी को चढ़ाया. फिर वो खुद चढ़ने ही जा रही थी कि गाड़ी चलना शुरू हो गई. वहां, मौजूद एमएसएफ़ के जवानों ने तुरतं आगे बढ़कर महिला को तो गिरने से बचा लिया, लेकिन 6 साल की बेटी गाड़ी में रह गई और अपनी मां से अलग होने की वजह से वो जोर जोर से शोर मचाकर दरवाजे पर आ गई.
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छोटी बच्ची के कूदने से एक बड़ा हादसा हो सकता था. जिसे देखकर प्लेटफॉर्म पर मौजूद महिला कांस्टेबल ने अपनी जान को खतरे में डालकर वो चलती लोकल ट्रेन में चढ़ गई और उस बच्ची को पकड़ कर समझा बुझाकर दूसरी ट्रेन से उसे वापस मुम्ब्रा स्टेशन लाकर मां से मिलाया. आरपीएफ़ की महिला कॉन्स्टेबल अनुराधा पगोट की जांबाजी और एमएसएफ के सिपाही शाहरुख शेख, राहुल सोनवणे, संतोष देवकर की तत्परता से मां-बेटी दोनों की जान बच गई.
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