किसानों ने कहा- संशोधनों से काम नहीं चलेगा, सरकार ठोस एजेंडा लाए तभी बातचीत होगी

योगेंद्र यादव ने कहा- अफसोस ये है कि सरकार किसानों को बदनाम कर रही है, आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रही है

किसानों ने कहा- संशोधनों से काम नहीं चलेगा, सरकार ठोस एजेंडा लाए तभी बातचीत होगी

योगेंद्र यादव ने प्रेस से बातचीत की.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार से कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों ने आज साफ कहा कि सरकार की ओर से जब तक कोई ठोस एजेंडा नहीं आता, बातचीत नहीं होगी. खुले दिल से बात करनी होगी, संशोधनों से काम नहीं चलेगा. सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह आंदोलन सभी किसानों (Farmers) का है. अफसोस ये है कि सरकार किसानों को बदनाम कर रही है. सरकार आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रही है. किसानों के साथ सरकार जो रवैया अपना रही है वो किसानों को आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर कर रहा है. 

यादव ने कहा कि  हमारी बुनियादी आपत्तियों जैसे कानून निरस्त करने की बात दरकिनार कर सरकार संशोधन की बात कर रही है. 20 तारीख को सरकार की चिट्ठी मिली थी. हमें ठोस प्रस्ताव सरकार की तरफ से अब तक नहीं मिला है.

योगेंद्र यादव ने कहा कि एमएसपी के बारे में सरकार के जो प्रस्ताव हैं वो हमें नहीं चाहिए. हम एमएसपी में कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. बिजली के बिलों के बारे में आपने स्थिति स्पष्ट नहीं की है. हम वार्ता करने को तैयार हैं लेकिन सरकार कोई ठोस एजेंडा बनाकर भेजे, तभी बात होगी. खुले दिल से बात करनी होगी, संशोधनों से काम नहीं चलेगा.

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किसान नेता शिवकुमार कक्कड़ ने कहा कि सरकार मामले को लम्बा कर लटकाना चाहती है. सरकार आग से खेल रही है. मैं चेतवानी देता हूं कि सरकार जल्दी किसानों की बात सुने, बच्चों का मनोबल टूट रहा है.