किसान नेताओं ने मामले वापस लेने के फैसले का स्वागत किया, केंद्र से अन्य वादों को पूरा करने का आग्रह

किसान नेता और एसकेएम की कोर समिति के सदस्य शिव कुमार कक्का ने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार की सराहना की.

किसान नेताओं ने मामले वापस लेने के फैसले का स्वागत किया, केंद्र से अन्य वादों को पूरा करने का आग्रह

किसान नेता और एसकेएम की कोर समिति के सदस्य शिव कुमार कक्का ने सरकार की सराहना की.

नई दिल्ली:

किसान नेताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के दिल्ली सरकार के कदम का मंगलवार को स्वागत किया और केंद्र से अनुरोध किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति बनाने समेत अन्य वादों को पूरा किया जाए. किसान नेताओं ने कहा कि 40 किसान संगठनों का संघ ‘संयुक्त किसान मोर्चा' (एसकेएम) 14 मार्च को दिल्ली में बैठक आयोजित करेगा ताकि केंद्र द्वारा किसानों से किये गये बाकी वादों को पूरा नहीं करने की स्थिति में आगे की रणनीति बनाई जा सके.

किसान नेता और एसकेएम की कोर समिति के सदस्य शिव कुमार कक्का ने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार की सराहना की.

कक्का ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह अच्छा कदम है और हम इस प्रयास के लिए दिल्ली सरकार तथा उप-राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हैं. इस कदम ने हमें उम्मीद दी है कि एमएसपी पर एक समिति बनाने जैसे अन्य वादों को भी पूरा किया जाएगा.''

उन्होंने मांग की कि केंद्र को आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों की सरकारों को भी निर्देश जारी करने चाहिए.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से जुड़े एक मामले समेत किसान आंदोलन के दौरान दर्ज 17 मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि उप-राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने मामलों से संबंधित फाइल 31 जनवरी को दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को भेजी थी.

अधिकारी ने कहा कि जैन ने इसे मंजूरी दी और 25 फरवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जहां से इसे 28 फरवरी को उप-राज्यपाल कार्यालय भेजा गया और इसे उसी दिन स्वीकृति प्रदान कर दी गयी.

कक्का ने कहा, ‘‘हम चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रहे हैं और फिर 14 मार्च को एसकेएम अन्य वादों को भी पूरा करने के लिहाज से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए बैठक करेगी. बैठक में भावी कार्रवाई तय की जाएगी.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)