रविवार (03 अक्टूबर) को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अपनी जान गंवाने वाले 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह के परिवार ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करने पर पुलिस की मंशा और निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं. किसानों ने आशीष मिश्रा पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को गाड़ी से रौंदने के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को इस परिवार के साथ-साथ अन्य परिवारों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस भीषण कांड में अपने प्रियजनों को खो दिया.
पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आशीष मिश्रा पर हत्या और लापरवाही के आरोप हैं लेकिन पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है और न ही उससे पूछताछ कर सकी है.
लवप्रीत सिंह के पिता सतनाम सिंह ने कहा, "सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है लेकिन इसका क्या फायदा है? पुलिस ने आशीष मिश्रा से न तो पूछताछ की और न ही उसे गिरफ्तार किया और यही हमने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सामने उजागर किया."
यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में वीआईपी फैक्टर भारी पड़ रहा है, राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक प्रशांत कुमार ने एनडीटीवी से कहा, "शुरुआत में ही यह तय हो गया था कि दोषियों को भागने नहीं दिया जाएगा और प्राथमिकी दर्ज की गई.. किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. स्टूडियो और हमारे कार्यालयों से चीजें तय नहीं हो सकतीं. हमने आज अंतिम संस्कार किया है. तब मुख्य चुनौती कानून और व्यवस्था थी."
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उन्होंने कहा, "तकनीकी साक्ष्य स्थायी हैं. इसे प्रभावित नहीं किया जा सकता. हम समय आने पर आरोपियों का नाम लेंगे."
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस दबाव में है? उन्होंने कहा, "कैसा दबाव? प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है.. पीड़ित परिवार और अदालत भी संतुष्ट हैं. समय बताएगा कि हम कैसे कार्य करते हैं. हम अपराधी को पकड़ेंगे, उन्हें नामजद करेंगे और अदालत में पेश करेंगे. हम जागरूक हैं दुनिया हमें देख रही है."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कल कहा कि वे किसानों के साथ बातचीत, पोस्टमॉर्टम और दाह संस्कार सहित कई मुद्दों पर "व्यस्त" थे. इस बीच, केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे ने इस बात से इनकार किया है कि वे मौके पर मौजूद थे. हालांकि मंत्री अजय मिश्रा ने माना है कि गाड़ी उन्हीं की है.
मंत्री ने यह भी कहा है कि किसानों ने वाहन पर हमला किया था, उस पर पथराव किया था और हमला करने वालों में से कुछ एसयूवी के नीचे कुचल गए थे, जब गाड़ी पलट गई थी.
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हालांकि, बुधवार को सामने आया एक स्पष्ट वीडियो कई सवाल खड़े करता है. वीडियो में किसानों के पीछे से एक तेज रफ्तार एसयूवी आ रही है, जो एक संकरी सड़क के किनारे चल रहे थे और उनके बीच से हल चला रहे थे. किसानों द्वारा वाहन पर हमला करने का कोई संकेत नहीं मिला है. एनडीटीवी वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया है और मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ आज इस मामले की सुनवाई करेगी.
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