
कांग्रेस को संगठन चुनाव जून में कराने थे, लेकिन आयोग ने उन्हें दिसंबर तक का समय दिया है
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के लिए सांगठनिक चुनाव कराने के लिए समय सीमा 30 जून से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है. आयोग ने सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया पूरा कराने के लिए और छह महीने का वक्त देने की कांग्रेस की अर्जी मान ली है.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से कहा कि दिसंबर, 2017 के बाद और कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा. इससे पूर्व आयोग ने कांग्रेस को 30 जून तक सांगठनिक चुनाव पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था.
उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के संगठन में बदलाव शुरू करने को लेकर वरिष्ठ पार्टी नेतृत्व के बीच चिंता बढ़ती जा रही है. कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेद्वी ने कहा कि चुनाव आयोग ने संगठन चुनाव कराने के लिए छह महीने का समय और देने का उनका अनुरोध मान लिया है और उसने 30 जून की समयसीमा अब इस साल दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरा करने के लिए पार्टी को और छह महीने का समय देने की मांग की थी क्योंकि अब इस काम के लिए बहुत कम वक्त बचा है. द्विवेद्वी ने अपने पत्र में यह भी दलील दी कि आयोग की समयसीमा का पालन करना संभव नहीं है क्योंकि यह पार्टी की शीर्ष निर्णायक कांग्रेस कार्यकारी समिति द्वारा सोनिया गांधी को 31 दिसंबर, 2017 तक इस पद पर बने रहने देने के प्रस्ताव के विरूद्ध है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से कहा कि दिसंबर, 2017 के बाद और कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा. इससे पूर्व आयोग ने कांग्रेस को 30 जून तक सांगठनिक चुनाव पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था.
उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के संगठन में बदलाव शुरू करने को लेकर वरिष्ठ पार्टी नेतृत्व के बीच चिंता बढ़ती जा रही है. कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेद्वी ने कहा कि चुनाव आयोग ने संगठन चुनाव कराने के लिए छह महीने का समय और देने का उनका अनुरोध मान लिया है और उसने 30 जून की समयसीमा अब इस साल दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरा करने के लिए पार्टी को और छह महीने का समय देने की मांग की थी क्योंकि अब इस काम के लिए बहुत कम वक्त बचा है. द्विवेद्वी ने अपने पत्र में यह भी दलील दी कि आयोग की समयसीमा का पालन करना संभव नहीं है क्योंकि यह पार्टी की शीर्ष निर्णायक कांग्रेस कार्यकारी समिति द्वारा सोनिया गांधी को 31 दिसंबर, 2017 तक इस पद पर बने रहने देने के प्रस्ताव के विरूद्ध है.
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