नए आईटी कानूनों को लेकर सरकार और ट्विटर के मध्य गतिरोध के बीच आईटी से जुड़े मामलों पर संसदीय समिति ने शुक्रवार को ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को तलब किया. इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर है. समिति ने कहा कि कंपनी को भारतीय आईटी कानूनों और नियमों का पालन गंभीरता से करना होगा. अब शशि थरूर ने बैठक को लेकर मीडिया में आई खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. थरूर ने कहा कि नियमों में यह स्पष्ट है कि समिति की कार्यवाही को प्रेस के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए.
कांग्रेस सांसद और आईटी मामलों पर संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने शनिवार को ट्वीट में लिखा, "कल एक संसदीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की. दर्दनाक बीमारी से धीमी गति से उबरने के चलते इस कारण पिछले दो महीने में मैं पहली बार अपने घर से बाहर निकला. मुझे नहीं मालूम, यह देखकर खुश हुआ जाये या निराश कि कुछ सांसदों के नाम के साथ मीडिया में उनके छपे बयान सुबह-सुबह देखने को मिल गये."
उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में ससंदीय समिति का स्पष्ट नियम है कि इसकी कार्यवाहियां गोपनीय हैं. इनके बारे में मीडिया को नहीं बताया जा सकता है/ इसके बावजूद कुछ सांसद (जो इतनी सी बात पर विरोध करने लगते हैं कि चेयरमैन ने ट्विटर पर एजेंडा के बारे में राय दी है) तुरंत यह सुनिश्चित करने में लग जाते हैं कि उनकी राय को मीडिया में स्थान मिले.
The Parliamentary Committee rules make it clear that proceedings are confidential & not to be shared with the press. Yet some MPs (who are quick to protest if the Chairman even confirms an agenda item on @Twitter) are quick to ensure their version of events is widely reported.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 19, 2021
संसदीय समिति की बैठक में ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को आम नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के दुरूपयोग को रोकने की ट्विटर इंडिया की पालिसी को लेकर कई मुश्किल सवाल झेलने पड़े. सूत्रों ने कहा कि समिति ने ट्विटर से पूछा है कि नियमों के मुताबिक कंपनी ने अब तक फुल टाइम चीफ कंप्लायंस अफसर नियुक्त क्यों नहीं किया है?
सांसदों ने सख्ती दिखाते हुए ट्विटर इंडिया से कहा कि उन्हें भारतीय कानूनों का पालन करना होगा. ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने संसदीय समिति से कहा कि वो भारतीय कानूनों का सम्मान करते हैं. लेकिन ट्विटर की नीतियां भी उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
बैठक में थरूर के अलावा भाजपा के निशिकांत दुबे, राज्यवर्द्धन राठौड़, तेजस्वी सूर्या, संजय सेठ, जफर इस्लाम और सुभाष चंद्रा, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा तथा तेलुगूदेसम पार्टी के जयदेव गल्ला ने भाग लिया.
वीडियो: संसदीय समिति ने कहा- ट्विटर को भारतीय IT कानून मानने ही होंगे
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