महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को बॉम्बे हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाइकोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज करते हुए कहा है कि इस मामले में राणे कमेटी का कामकाज उचित नहीं था।
कोर्ट ने इसके साथ ही लोक सेवा और शैक्षिक संस्थानों में मराठों को 16 फीसदी आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के निर्णय पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने नौकरियों में मुस्लिमों को पांच फीसदी आरक्षण मुहैया कराने के राज्य सरकार के फैसले पर भी रोक लगाई, लेकिन शिक्षण संस्थानों में उनके लिए आरक्षण को मंजूरी दी।
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने इस आरक्षण की घोषणा की थी। इस घोषणा से पूर्व राज्य में कुल 52 फीसदी आरक्षण था। इसमें अनुसूचित जाति के लिए 16 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के लिए 7 फीसदी, ओबीसी के लिए 19 फीसदी, घमंतु जातियों के लिए 11 फीसदी और विशेष पिछड़ों को दो फीसदी आरक्षण लागू था। इस आरक्षण में नए आरक्षण को जोड़ने के बाद महाराष्ट्र में आरक्षण का प्रतिशत 73 फीसदी हो गया था। इससे महाराष्ट्र, तमिलनाडु के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा आरक्षण देने वाला राज्य बन गया था।
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