छात्रों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने खुफिया विभाग ने जेएनयू मामले पर एक स्टेटस रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेजी है। सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में कहा है कि 9 फरवरी की सुबह खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने जेएनयू में एक पोस्टर देखा, जिसमें लिखा था कि शाम 5 बजे साबरमती ढाबे में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम होना है। पोस्टर में एक शीर्षक भी लिखा था ' द कंट्री विदआउट ए पोस्टऑफिस' यह कार्यक्रम संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और आतंकी मकबूल भटट् की फांसी के विरोध को लेकर था, जिसमें कश्मीर के लोगों की आजादी का भी जिक्र था। इस पोस्टर में अनिरबन, अंजलि, अनवेश, अवस्थी, भावना, कोमल रियाज, रूबीना, उमर और समर के नाम लिखे हुए थे।
इसके बाद खुफिया विभाग ने टेलीफोन से यह जानकारी अपने कंट्रोल रूम और स्थानीय पुलिस को दी। जांच पड़ताड़ के बाद यह पाया कि इस कार्यक्रम से जेएनयू में विवाद हो सकता है। इसके बाद इसकी जानकारी जेएनयू के सुरक्षा विभाग को देकर उन्हें सावधान कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू के वीसी को भी इस कार्यक्रम की असलियत की जानकारी नहीं थी। समय से सूचना मिलते ही जेएनयू प्रशासन ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया।
इसी कार्यक्रम की जानकारी एबीवीपी से जुड़े छात्रों को भी लग गई और वे भी साबरमती ढाबे पर इकटठा हो गए। करीब 5 बजे वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के छात्र उमर खालिद के नेतृत्व में कई वामपंथी छात्र साबरमती ढाबे पर इकटठा हो गे। वे अपने साथ कश्मीर से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए उपकरण भी साथ लेकर आए थे, लेकिन जेएनयू प्रशासन के विरोध पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं की गई। इसके बाद वामपंथी छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
नारे कुछ इस तरह से थे
'भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी'
'कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी'
'इंडिया गो बैक '
'हम लेकर रहेंगे आजादी,आजादी'
'पाकिस्तान जिंदाबाद'
'कितने अफजल मारोगे घर घर से अफजल निकलेगा'
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भरोसेमंद सूत्रों से जानकारी मिली कि इस विरोध प्रर्दशन में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के अलावा, अनिरबन, अंजलि, अनवेश, अवस्थी, भावना, कोमल रियाज, रूबीना, उमर और समर मौजूद थे। साथ ही आशुतोष, रामा नागा, अनंत कुमार, चिंटू कुमारी और अमोल भी मौजूद थे। इसी बीच वहां मौजूद एवीबीपी के करीब 30-40 छात्र भारत माता की जय के नारे लगाने लगे। जब सब चल रहा था उस वक्त वहां लोकल पुलिस और पीसीआर मौजूद थी। करीब 7:30 बजे एबीवीपी और वामपंथी छात्र अपने अपने नारे लगाते हुए साबरमती ढाबा से चलकर गंगा ढाबा पहुंच गए और करीब 8:30 बजे सभी छात्र गंगा ढाबा से शांतिपूर्वक वापस लौट गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, 6 अक्टूबर 2015 को भी खुफिया विभाग का एक अधिकारी जेएनयू के वीसी से मिला। तब उसने वीसी से जेएनयू में सीसीटीवी कैमरे लगवाने पर चर्चा की। खुफिया विभाग के अधिकारी ने वीसी से कहा कि जेएनयू में कभी-कभार ऐसी गतिविधियां होती हैं, जिसमें देश विरोधी रंग दिखता है और कई हॉस्टल में आपत्तिजनक पोस्टर भी लगाए जाते हैं। चर्चा में यह भी कहा गया कि जेएनयू प्रशासन पुलिस की मदद से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन की देशविरोधी गतिविधियों को रोके।
12 नवंबर 2015 को भी एक खफिया रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें कहा गया कि जेएनयू में कई वामपंथी छात्रों के संगठन हैं, जिसमें ज्यादातर शांतिप्रिय हैं, लेकिन दो वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फ्रंट देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। हालांकि उनकी संख्या 10 से ज्यादा नहीं है। खुफिया रिपोर्ट में ऐसी कई गतिविधियों के उदाहरण भी दिए गए जैसे
-जेएनयू में देवी-देवताओं के आपत्तिजनक पोस्टर लगाए
-संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु पर शोक प्रकट किया
-दंतेवाड़ा मे मारे गए सीआरपीएफ जवानों की मौत के बाद पार्टी करना
-नवरात्रि में महिषासुर की पूजा करना
-कश्मीरी अलगाववादियों को जेएनयू में आने के लिए आमंत्रित करना
दिल्ली पुलिस के खुफिया विभाग ने ये रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर और गृहमंत्रालय को भेज दी है और आगे के हालात पर खुफिया विभाग नजर बनाये हुए है
इसके बाद खुफिया विभाग ने टेलीफोन से यह जानकारी अपने कंट्रोल रूम और स्थानीय पुलिस को दी। जांच पड़ताड़ के बाद यह पाया कि इस कार्यक्रम से जेएनयू में विवाद हो सकता है। इसके बाद इसकी जानकारी जेएनयू के सुरक्षा विभाग को देकर उन्हें सावधान कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू के वीसी को भी इस कार्यक्रम की असलियत की जानकारी नहीं थी। समय से सूचना मिलते ही जेएनयू प्रशासन ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया।
इसी कार्यक्रम की जानकारी एबीवीपी से जुड़े छात्रों को भी लग गई और वे भी साबरमती ढाबे पर इकटठा हो गए। करीब 5 बजे वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के छात्र उमर खालिद के नेतृत्व में कई वामपंथी छात्र साबरमती ढाबे पर इकटठा हो गे। वे अपने साथ कश्मीर से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए उपकरण भी साथ लेकर आए थे, लेकिन जेएनयू प्रशासन के विरोध पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं की गई। इसके बाद वामपंथी छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
नारे कुछ इस तरह से थे
'भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी'
'कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी'
'इंडिया गो बैक '
'हम लेकर रहेंगे आजादी,आजादी'
'पाकिस्तान जिंदाबाद'
'कितने अफजल मारोगे घर घर से अफजल निकलेगा'
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भरोसेमंद सूत्रों से जानकारी मिली कि इस विरोध प्रर्दशन में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के अलावा, अनिरबन, अंजलि, अनवेश, अवस्थी, भावना, कोमल रियाज, रूबीना, उमर और समर मौजूद थे। साथ ही आशुतोष, रामा नागा, अनंत कुमार, चिंटू कुमारी और अमोल भी मौजूद थे। इसी बीच वहां मौजूद एवीबीपी के करीब 30-40 छात्र भारत माता की जय के नारे लगाने लगे। जब सब चल रहा था उस वक्त वहां लोकल पुलिस और पीसीआर मौजूद थी। करीब 7:30 बजे एबीवीपी और वामपंथी छात्र अपने अपने नारे लगाते हुए साबरमती ढाबा से चलकर गंगा ढाबा पहुंच गए और करीब 8:30 बजे सभी छात्र गंगा ढाबा से शांतिपूर्वक वापस लौट गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, 6 अक्टूबर 2015 को भी खुफिया विभाग का एक अधिकारी जेएनयू के वीसी से मिला। तब उसने वीसी से जेएनयू में सीसीटीवी कैमरे लगवाने पर चर्चा की। खुफिया विभाग के अधिकारी ने वीसी से कहा कि जेएनयू में कभी-कभार ऐसी गतिविधियां होती हैं, जिसमें देश विरोधी रंग दिखता है और कई हॉस्टल में आपत्तिजनक पोस्टर भी लगाए जाते हैं। चर्चा में यह भी कहा गया कि जेएनयू प्रशासन पुलिस की मदद से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन की देशविरोधी गतिविधियों को रोके।
12 नवंबर 2015 को भी एक खफिया रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें कहा गया कि जेएनयू में कई वामपंथी छात्रों के संगठन हैं, जिसमें ज्यादातर शांतिप्रिय हैं, लेकिन दो वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फ्रंट देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। हालांकि उनकी संख्या 10 से ज्यादा नहीं है। खुफिया रिपोर्ट में ऐसी कई गतिविधियों के उदाहरण भी दिए गए जैसे
-जेएनयू में देवी-देवताओं के आपत्तिजनक पोस्टर लगाए
-संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु पर शोक प्रकट किया
-दंतेवाड़ा मे मारे गए सीआरपीएफ जवानों की मौत के बाद पार्टी करना
-नवरात्रि में महिषासुर की पूजा करना
-कश्मीरी अलगाववादियों को जेएनयू में आने के लिए आमंत्रित करना
दिल्ली पुलिस के खुफिया विभाग ने ये रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर और गृहमंत्रालय को भेज दी है और आगे के हालात पर खुफिया विभाग नजर बनाये हुए है
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जेएनयू विवाद, पटियाला हाउस कोर्ट, देशद्रोह का आरोप, अफजल गुरु, कन्हैया कुमार, JNU Row, Patiala House Court, Sedition Case, Kanhaiya Kumar