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This Article is From Aug 21, 2021

दिल्ली के बाजारों में दुकानें खोलने का समय बढ़ाने की उठी मांग, सीटीआई ने DDMA को लिखा पत्र

दिल्ली (Delhi) के बाजारों से शाम को दुकानें खोलने का समय बढ़ाने की मांग उठ रही है. चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (chamber of trade and industry) ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) को पत्र लिखकर व्यापारियों की समस्याओं को साझा किया है. 

दिल्ली के बाजारों में दुकानें खोलने का समय बढ़ाने की उठी मांग, सीटीआई ने DDMA को लिखा पत्र
दिल्ली (Delhi) के बाजारों से दुकानें खोलने का समय बढ़ाने की मांग उठ रही है.(फाइल)
नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) के अलग-अलग बाजारों से शाम को दुकानें खोलने का समय बढ़ाने की मांग उठ रही है. आने वाले दिनों में कई त्योहार आ रहे हैं. इसी के चलते व्यापारियों को कारोबार उठने की उम्मीद है, लेकिन रात 8 बजे तक दुकानें खोलने की इजाजत नाकाफी साबित हो रही है. इसी को लेकर दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (chamber of trade and industry) ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) को पत्र लिखकर व्यापारियों की समस्याओं को साझा किया है. 

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि उनके पास कमला नगर, लाजपत नगर, कनॉट प्लेस, सरोजिनी नगर, साउथ एक्स, राजौरी गार्डन, लक्ष्मी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, ग्रेटर कैलाश, करोलबाग समेत कई बाजारों के पदाधिकारियों ने क्लोजिंग टाइम बढ़ाने की गुहार लगाई है. इसके साथ ही दिल्ली के मॉल मालिकों ने भी अनुरोध किया है कि मॉल खोलने का समय भी बढाया जाए. 

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सीटीआई के महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि होलसेल बाजारों में फिर भी समय बढाने की मांग नहीं है, लेकिन रिटेल बाजारों के व्यापारी चाहते हैं कि बाजारों को खोलने का समय रात 8 बजे से बढाकर रात 10 बजे तक कर दिया जाए या फिर टाइम लिमिट को खत्म किया जाए. 

व्यापारियों का कहना है कि दिन में गर्मी होने की वजह से ज्यादा खरीददार शाम 5 बजे के बाद घर से निकलते हैं. रात 8 बजे का क्लोजिंग टाइम है तो दुकानदार 7ः30 बजे से ही शॉप बढ़ाने लगता है, इससे ग्राहक को ठीक से सामान नहीं दिखा पाते और कस्टमर्स को भी बुरा महसूस होता है. 

बृजेश गोयल  ने कहा कि दिल्ली के तमाम व्यापारी संगठनों की मांग है कि अब दिल्ली के बाजारों और मॉल से समय की पाबंदी हटनी चाहिए. वैसे ही दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू है, लेवल-1 (येलो) यानी पॉजिटिविटी रेट 0.5 प्रतिशत, बीते हफ्ते में 1500 से अधिक कोरोना केस या एक हफ्ते में 500 ऑक्सीजन बेडों पर मरीज भर्ती होंगे, तो कई तरह की आर्थिक गतिविधियों पर रोक लग जाएगी. अभी तो संक्रमण दर 0.08 के आसपास चल रही है और हालात नियंत्रण में हैं. सावधानी के साथ व्यापार हो सकता है. 

सीटीआई ने इस विषय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी गुहार लगाई है. यदि दुकान, बाजार और मॉल खुलने के समय पर पाबंदी नहीं होगी, तो लोग भी अपने हिसाब से खरीदारी करने आएंगे. इससे दुकानदार और ग्राहकों को राहत मिलेगी. मार्केट में भीड़ नहीं होगी. शॉपिंग का ज्यादा समय मिलेगा. 

उन्होंने कहा कि अभी सीमित समय में कई बाजारों में भीड़ हो जाती है, जो संक्रमण के लिहाज से ठीक नहीं है. मार्केट में रात 8 बजते ही अफरा तफरी का माहौल हो जाता है. पुलिस और सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर दुकानदारों से शॉप बढ़वाते हैं. दुकान में बैठे ग्राहक को शॉपकीपर कैसे भगा दें? इस तरह की शिकायतें भी आ रही हैं कि कुछ बाजारों में पैसे लेकर 8 बजे के बाद भी दुकान खोलने दी जा रही है. समय की पाबंदी के चलते भ्रष्टाचार हो रहा है. दुकानदारों को धमकाया जाता है. नौकरी पेशा वाले तो शाम को ही खरीदारी करते हैं. ऐसे में डीडीएमए को ट्रेडर्स और कस्टमर्स की समस्या को समझना होगा. 

उन्होंने कहा कि भले ही सुबह दुकानों का ओपनिंग टाइम 10 बजे के बजाए 11 बजे कर दें, लेकिन शाम को दुकानें खोलने का समय अवश्य बढाना चाहिए. शाम को देर तक दुकानें खुलेंगी तो मार्केट में भीड़ की स्थिति नहीं होगी, सब आराम से अपना काम कर सकेंगे, कोरोना नियमों का भी अच्छे से पालन होगा.

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