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This Article is From Jun 14, 2020

चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने वीडियो मीटिंग में दिल्ली के बाजार को खोले रखने का लिया फैसला

दिल्ली में फिर से लाॅकडाउन लगने और दिल्ली के बाजार बंद होने की अफवाहों के बीच आज व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) ने एक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया जिसमें  दिल्ली की 170 बड़ी व्यापारिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया.

चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने वीडियो मीटिंग में दिल्ली के बाजार को खोले रखने का लिया फैसला
दिल्ली में खुले रहेंगे बाजार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिल्ली में फिर से लाॅकडाउन लगने और दिल्ली के बाजार बंद होने की अफवाहों के बीच आज व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) ने एक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया जिसमें  दिल्ली की 170 बड़ी व्यापारिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया. सीटीआई के कन्वीनर बृजेश गोयल एवं अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि आज की मीटिंग में सभी ने सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया कि दिल्ली में बाजार और दुकानें खुली रहनी चाहिए और कोरोना के मुद्दे पर बाजारों को बंद करने का निर्णय दिल्ली सरकार पर छोड़ देना चाहिए.


आज की मीटिंग में चांदनी चौक,कशमीरी गेट,चावड़ी बाजार,नया बाजार,खारी बावली, सदर बाजार, कमला नगर, कनोट प्लेस , नेहरू प्लेस , सरोजिनी नगर , राजौरी गार्डन , गांधी नगर , खान मार्केट, शाहदरा , मायापुरी , लाजपत नगर , रोहिणी , पीतमपुरा , तिलक नगर , मालवीय नगर , ग्रीन पार्क , ग्रेटर कैलाश आदि एसोसिएशन्स ने हिस्सा लिया.दिल्ली के कशमीरी गेट , चांदनी चौक , सदर बाजार , खारी बावली , कनोट प्लेस , खान मार्केट , साउथ एक्स , लाजपत नगर , कमला नगर , चावड़ी बाजार , सरोजिनी नगर ,  मालवीय नगर , ग्रीन पार्क , गांधी नगर , लक्ष्मी नगर , शाहदरा , रोहिणी , पीतमपुरा , तिलक नगर , त्रिनगर, नया बाजार  समेत दिल्ली के सभी छोटे बड़े बाजार खुले रहेंगे.

सीटीआई के महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि आज की मीटिंग में 170 में से 157 व्यापारिक संस्थाओं  का कहना था कि दिल्ली में कोरोना के केस बढ रहे हैं लेकिन बाजार और दुकानें खुली रहनी चाहिए,जबकि 13 संस्थाओं  का सुझाव था कि बाजार बंद होने चाहिए.

ज्यादातर व्यापारी संस्थाओं का सुझाव था कि दिल्ली में  अगर बाजारों को दुबारा बंद किया गया तो व्यापारी वर्ग इससे होने वाले आर्थिक नुकसान को नहीं झेल पाएगा. लाॅकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को ही झेलना पड़ा है.कुछ एसोसिएशन्स का कहना था कि काफी मजदूर पहले ही अपने गांव जा चुके है और अगर दुकानें दुबारा बंद हो गयी तो बाकी लेबर भी चले जाएंगे. ज्यादा दिन तक लेबर को रोकना संभव नहीं हो पाएगा. व्यापारियों का ये भी कहना था कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के दुकानदारों को अभी दुकान नहीं जाना चाहिए.
 

VIDEO:खान मार्केट की चमक फीकी पड़ी

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