
दार्जीलिंग में सड़क पर विरोध प्रदर्शन करते लोग.
- पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में पिछले हफ़्ते शुरू हुई हिंसा
- उसके बाद बना तनाव अभी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
- ममता सरकार का सभी सरकारी दफ़्तरों को खोले रखने का आदेश
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कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में पिछले हफ़्ते शुरू हुई हिंसा और उसके बाद बना तनाव अभी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बिमल गुरुंग की अगुवाई में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने आज से अनिश्चितकालीन बंद बुलाया है. इसके मद्देनज़र सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है.
हालांकि ममता सरकार ने सभी सरकारी दफ़्तरों को खोले रखने का आदेश दिया है. राज्य सरकार ने सख्त फरमान जारी करते हुए साफ किया है कि आज दफ्तर न पहुंचने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा. आज की छुट्टी ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा. बंद से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण जगहों पर पाबंदियां लगाई गई हैं. गोरखा मुक्ति मोर्चा का विरोध ममता बनर्जी के उस एलान की वजह से है जिसमें उन्होंने 10वीं तक सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर दी है.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सभी साइनबोर्ड के नेपाली और अंग्रेज़ी में करने की मांग कर रहा है. साथ ही गोरखालैंड की मांग को लेकर टॉर्च रैली और सिग्नेचर कैंपेन की तैयारी भी हो रही है.
हालांकि ममता सरकार ने सभी सरकारी दफ़्तरों को खोले रखने का आदेश दिया है. राज्य सरकार ने सख्त फरमान जारी करते हुए साफ किया है कि आज दफ्तर न पहुंचने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा. आज की छुट्टी ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा. बंद से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण जगहों पर पाबंदियां लगाई गई हैं. गोरखा मुक्ति मोर्चा का विरोध ममता बनर्जी के उस एलान की वजह से है जिसमें उन्होंने 10वीं तक सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर दी है.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सभी साइनबोर्ड के नेपाली और अंग्रेज़ी में करने की मांग कर रहा है. साथ ही गोरखालैंड की मांग को लेकर टॉर्च रैली और सिग्नेचर कैंपेन की तैयारी भी हो रही है.
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