अजीत पवार (फाइल फोटो)
मुंबई:
एनसीपी नेता अजीत पवार के खिलाफ शिकंजा कसता दिख रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने विवादित सिंचाई परियोजनाओं के कई टेंडर रद कर दिए हैं. इनमें वे टेंडर शामिल हैं जिन्हें अजीत पवार के सिंचाई मंत्री रहते हुए दिया गया था.
महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने राज्य कैबिनेट के फैसले की सूचना देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की. इसमें उन्होंने बताया कि इन तमाम परियोजनाओं में भारी अनियमितताएं हुई हैं. इसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है. वैसे भी इन परियोजनाओं के काम उनके ठेकेदारों के जेल में होने की वजह से बंद पड़े हुए हैं. नए ठेकेदारों को अब जब यह काम मिलेगा तो उन्हें उसे तय समय सीमा में पूरा करना होगा.
मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने अहम परियोजनाओं के 94 टेंडर रद किए हैं. रद्द हुए सभी टेंडरों व परियोजनाओं की एसीबी जांच कर रहा है. इसमें कोंकण की 12, नासिक की एक और विदर्भ की 6 परियोजनाओं के 94 टेंडर शामिल हैं.रद हुए टेंडर की कीमत 3 हजार 295 करोड़ रुपये है.
इन टेंडरों में गोसीखुर्द परियोजनाओं के 84 टेंडर भी शामिल हैं. गोसीखुर्द विदर्भ की सबसे अधिक समय से लंबित परियोजना है और इसके ठेकेदारों में बीजेपी नेता भी शामिल हैं.
महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला राज्य के विवादित सिंचाई घोटाले के खुलासे के बाद आया है. सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने सिंचाई घोटाले को 70 हजार करोड़ रुपये का बताया था और इसके लिए एनसीपी नेता अजीत पवार के फैसलों को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि कांग्रेस-एनसीपी की सरकार की जांच में अजीत पवार बेदाग निकले थे.
महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने राज्य कैबिनेट के फैसले की सूचना देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की. इसमें उन्होंने बताया कि इन तमाम परियोजनाओं में भारी अनियमितताएं हुई हैं. इसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है. वैसे भी इन परियोजनाओं के काम उनके ठेकेदारों के जेल में होने की वजह से बंद पड़े हुए हैं. नए ठेकेदारों को अब जब यह काम मिलेगा तो उन्हें उसे तय समय सीमा में पूरा करना होगा.
मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने अहम परियोजनाओं के 94 टेंडर रद किए हैं. रद्द हुए सभी टेंडरों व परियोजनाओं की एसीबी जांच कर रहा है. इसमें कोंकण की 12, नासिक की एक और विदर्भ की 6 परियोजनाओं के 94 टेंडर शामिल हैं.रद हुए टेंडर की कीमत 3 हजार 295 करोड़ रुपये है.
इन टेंडरों में गोसीखुर्द परियोजनाओं के 84 टेंडर भी शामिल हैं. गोसीखुर्द विदर्भ की सबसे अधिक समय से लंबित परियोजना है और इसके ठेकेदारों में बीजेपी नेता भी शामिल हैं.
महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला राज्य के विवादित सिंचाई घोटाले के खुलासे के बाद आया है. सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने सिंचाई घोटाले को 70 हजार करोड़ रुपये का बताया था और इसके लिए एनसीपी नेता अजीत पवार के फैसलों को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि कांग्रेस-एनसीपी की सरकार की जांच में अजीत पवार बेदाग निकले थे.
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