Covishield वैक्सीन को सिंगल डोज़ शॉट बनाने पर चल रहा विचार, वैक्सीन मिक्सिंग पर भी स्टडी

यह आकलन किया जा रहा है कि क्या कोविशील्ड का सिंगल शॉट ही वायरस से लड़ने में प्रभावी है दरअसल, जॉनसन एंड जॉनसन, स्पूतनिक लाइट और कोविशील्ड वैक्सीन एक ही तरह के प्रोसेस से बने हैं. जॉनसन एंड जॉनसन और स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज की ही वैक्सीन हैं.

Covishield वैक्सीन को सिंगल डोज़ शॉट बनाने पर चल रहा विचार, वैक्सीन मिक्सिंग पर भी स्टडी

सीरम इंस्टीट्यूट की Covishield वैक्सीन को सिंगल शॉट वैक्सीन बनाने पर विचार.

नई दिल्ली:

कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाली बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड को भविष्य में सिंगल शॉट वैक्सीन बनाने पर विचार किया जा रहा है. वर्तमान में देश में दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है. कोविशील्ड के अलावा दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है. ये दोनों ही वैक्सीन दो डोज में दी जा रही हैं. लेकिन जानकारी है कि आने वाले वक्त में कोविशील्ड वैक्सीन को सिंगल शॉट ही रखा जाए, इस पर चर्चा चल रही है.

इसके लिए यह आकलन किया जा रहा है कि क्या कोविशील्ड का सिंगल शॉट ही वायरस से लड़ने में प्रभावी है दरअसल, जॉनसन एंड जॉनसन, स्पूतनिक लाइट और कोविशील्ड वैक्सीन एक ही तरह के प्रोसेस से बने हैं. जॉनसन एंड जॉनसन और स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज की ही वैक्सीन हैं. ऐसे में यह आकलन किया जा रहा है कि क्या उसी प्रोसेस से तैयार की गई कोविशील्ड का भी सिंगल शॉट प्रभावी रह सकता है या नहीं. अगर यह रिसर्च सफल रहता है तो इससे सरकार को दोगुनी जनसंख्या को कवर करने में मदद मिलेगी.

बता दें कि दो हफ्ते पहले कोविशील्ड के दो डोज़ के बीच के अंतराल को बढ़ा दिया गया था. केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की दो वैक्सीन की डोज के बीच में 12 से 16 हफ्तों का अंतराल तय किया है, जो शुरुआत में एक महीने था. इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सलाह देते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण से रिकवर होने के तीन माह बाद टीकाकरण करना उचित है. बताया गया है कि यदि वैक्‍सीन की पहली डोज लेने के बाद कोई कोरोना संक्रमित हो जाता है तो दूसरी डोज तीन माह बाद ली जानी चाहिए.

दो वैक्सीन को मिक्स करने पर स्टडी

इसके अलावा वैक्सीन्स को लेकर अलग-अलग रिसर्च भी हो रहे हैं. एक और विधि जिसकी चर्चा हो रही है, वो है दो वैक्सीन्स को आपस में मिलाने की. जानकारी है कि एक डोज किसी वैक्सीन की और दूसरी डोज किसी और वैक्सीन की मिलाकर इसका रिजल्ट देखा जाएगा. इसपर एक महीने में स्टडी शुरू करने की योजना है, स्टडी दो से ढाई महीने में पूरी हो जाएगी.

हर दिन 1 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य

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सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वो आने वाले वक्त में हर दिन 1 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रख रही है. जुलाई के दूसरे-तीसरे सप्ताह से इसको मुमकिन बनाने की कोशिश चल रही है. कोशिश की जा रही है कि 30-32 करोड़ डोज का स्टॉक उपलब्ध रहे. इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 25 करोड़ डोज हर महीने होंगी. इसके अलावा, 5 से 7 करोड़ वैक्सीन की सप्लाई Biological E, सीरम का Novavax, Genova mRNA, Zydus Cadilla DNA वैक्सीन, स्पूतनिक से की जाएगी.