भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कई राज्य सरकारें इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर चुकी हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने NDTV से बातचीत में कहा कि COVID-19 की तीसरी लहर अगस्त के अंत में आने की संभावना है लेकिन यह दूसरी लहर की तरह तीव्र नहीं होगी. उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों में बढ़ोतरी की गंभीरता को कम करना, सीधे तौर पर सुपर स्प्रेडर इवेंट को रोकने से जुड़ा है.
IMA ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा था, 'वैश्विक तौर पर सबूत होने और किसी भी महामारी के इतिहास के साथ, तीसरी लहर अपरिहार्य और आसन्न है. हालांकि, यह भी चिंताजनक है कि देश के कई हिस्सों में सरकार और जनता दोनों ही आत्मसंतुष्ट हैं और लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए बिना सामूहिक तौर पर इकट्ठा होने में जुटे हुए हैं.'
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सरकार ने कहा है कि लोग कोरोना की दूसरी लहर के बारे में भविष्यवाणियों को "मौसम की भविष्यवाणियों" के रूप में गंभीरता से ले रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेडरोस अधानोम घेब्रेसस ने आज (गुरुवार) चेतावनी देते हुए कहा कि विश्व कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Covid 19 Delta Variant) की वजह से तीसरी लहर के मुहाने पर खड़ा है.
कोविड का डेल्टा वेरिएंट अब तक 111 से ज्यादा देशों में पाया जा चुका है. माना जाता है कि इसका पहला मामला भारत में सामने आया था. देश में कोरोना की दूसरी के लिए भी इसी वेरिएंट को जिम्मेदार माना जाता है. WHO प्रमुख ने कहा कि हम मान रहे हैं कि यह जल्द ही दुनियाभर में फैलने वाला प्रमुख COVID-19 स्ट्रेन होगा.
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