भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने बुधवार को कहा कि एक अध्ययन में यह सामने आया है कि कोवैक्सीन (Covaxin ) की बूस्टर खुराक में कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण को रोकने की क्षमता है. भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि एमोरी यूनिवर्सिटी में किये गये अध्ययन में यह जाहिर हुआ है कि जिन लोगों को कोवैक्सीन (बीबीवी152) की बूस्टर खुराक शुरूआती दो खुराक के छह महीने बाद दी गई, उनमें सार्स-कोवी-2 के ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता बनती नजर आई. पूर्व के अध्ययनों में सार्स-कोवी-2 के अन्य वैरिएंट--अल्फा, बीटा, डेल्टा, जीटा और कप्पा को रोकने में कोवैक्सीन की प्रभाव क्षमता प्रदर्शित हुई थी.
बच्चों के लिए Covishield को मंजूरी ही नहीं, लेकिन बिहार में 2 भाइयों को लगा दी गई यही वैक्सीन
अध्ययन के नतीजों का जिक्र करते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक दी गई, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक में संक्रमण को रोकने वाली एंटीबॉडी प्रदर्शित हुई. प्रयोगशाला विश्लेषण का नेतृत्व करने वाले एमोरी वक्सीन सेंटर के सहायक प्राध्यापक मेहुल सुथार ने कहा, ‘‘ विश्व भर में ओमिक्रॉन ने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा की है. प्राथमिक विश्लेषण से प्राप्त डेटा से प्रदर्शित होता है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक लेने वाले व्यक्ति में ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा क्षमता पैदा हुई.
कोवैक्सीन में 2-18 वर्ष के बच्चों के लिए मजबूत सुरक्षा, प्रतिरक्षा देखी गई: अध्ययन
''उन्होंने कहा, ‘‘इन नतीजों से यह पता चलता है कि बूस्टर खुराक में रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को घटाने की क्षमता है.'' भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि कंपनी निरंतर नवोन्मेष कर रही है और कोवैक्सीन उत्पाद को बेहतर बना रही है.
बूस्टर के बावजूद हम सभी को ओमिक्रॉन संक्रमण होगा : सरकार के मेडिकल एडवाइजर
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं