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This Article is From Jan 04, 2022

बच्चों के लिए Covishield को मंजूरी ही नहीं, लेकिन बिहार में 2 भाइयों को लगा दी गई यही वैक्सीन

स्वास्थ्य विभाग ने किशोरों को कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन का सर्टिफिकेट किया जारी, टीका लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मी हटाए गए

बिहार के नालंदा में किशोरों को कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड लगा दी गई.

पटना:

बिहार के स्वास्थ विभाग की लापरवाही का नतीजा दो किशोर भाइयों को भुगतना पड़ सकता है. जहां पूरे देश में कोविड से बचाव के लिए किशोर एवं किशोरियों को कोवैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है वहीं नालंदा में दो किशोर भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया है. किशोर बिहार शरीफ की प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं. 

एक किशोर ने बताया कि उसने कोवैक्सीन का स्लॉट बुक करा आज सुबह 10 बजे के करीब नालंदा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हाल गया था. वहां सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उसने टीका लगवाया. इसके बाद पता चला कि उसे और उसके भाई को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया है. इसके बाद जब इस बारे में पूछा गया तो ऑपरेटर द्वारा बताया गया कि कोविशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी. 

किशोर के पिता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है. इस मामले में जब वह सीएस कार्यालय में गए तो दोनों भाइयों को डेढ़ घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कहकर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दिया जाएगा. अब किशोर के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है. उन्हें डर लग रहा है कि उनके बेटों को कुछ हो ना जाए. 

किशोरों के पिता ने कहा कि एक तो वैक्सीन देने में लापरवाही बरती गई दूसरा जो सर्टिफिकेट जनरेट किया गया है उसमें भी  कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन  ही दर्शाया गया है. स्वास्थ विभाग खुद को सुरक्षित और किशोर एवं किशोरियों को असुरक्षित करने में लगा हुआ है. जब हम लोगों ने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मियों को वहां से हटा दिया गया. इस पर क्या कार्रवाई हुई है उन्हें नहीं पता.

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है. टीका देने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दरअसल जो कर्मचारी पूर्व में टीका दे रही थी वह कोरोना पॉजिटिव हो गई थी. उसकी जगह पर काम कर रहे नए जीएनएम से यह गलती हुई है. किशोर के परिजनों को आश्वस्त कर दिया गया है. उन्हें स्वास्थ्य विभाग का नंबर उपलब्ध करा दिया गया है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर 24 घंटे मेडिकल सेवा उनके लिए उपलब्ध करा दी गई है.

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