फाइल फोटो
मुंबई:
सेना के अधिकारियों द्वारा अपने सहायकों से कथित तौर पर छोटे-मोटे काम कराए जाने के संबंध में एक जवान की वीडियो पर की गई शिकायत को लेकर उठे विवाद के बीच एक कहानी ऐसी भी है जिसमें सेना का एक अधिकारी कनाडा से विमान द्वारा अपने सहायक के परिवार में एक विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचा.
कर्नल जी एस घुमन सेना में अपने सहायक के बेटे की शादी का निमंत्रण मिलने पर कनाडा से यहां पहुंच गये. हवलदार बालगौडा रायगौडा पाटिल ने करीब दो दशक तक कर्नल घुमन के लिए सहायक का काम किया. करीब दस साल पहले दोनों सेना से सेवानिवृत्त हो गये.
कर्नल घुमन ने कहा, ''वह (पाटिल) मेरे लिए परिवार है. मैं कैसे ना कह सकता था. मुझे उसके बेटे की शादी में शामिल होना था. इसलिए मैं यहां भारत में हूं.'' पाटिल भी ऐसा ही महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ''साब (कर्नल घुमन) की मां मुझे अपना चौथा बेटा ही समझती थी. साब ने भी कभी मेरे साथ एक जूनियर की तरह व्यवहार नहीं किया बल्कि एक भाई समझा. मैं श्रीलंका में आईपीकेएफ के दिनों से ही साब के साथ था. मैंने एक सहायक के रूप में कभी अपमानित महसूस नहीं किया.'' पाटिल वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हो गये थे जबकि कर्नल घुमन एक साल बाद सेवानिवृत्त हुये थे.
पाटिल के बेटे की शादी बेलगाम से करीब 50 किलोमीटर उनके गृहनगर में थी. कर्नल घुमन ने इस बार भारत यात्रा के दौरान मैंगलोर, कोच्चि और हैदराबाद जाकर पूर्व जवानों और उनके परिवारों से मुलाकात की और पुरानी यादें ताजा की.
गत महीने लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने सहायक व्यवस्था के बारे में शिकायत करते हुये एक वीडियो पोस्ट किया था जिसके बाद सेना ने कहा था कि सहायक का काम पालतू जानवरों और बच्चों की देखभाल करना नहीं होना चाहिये और साथ ही उन्हें अधिकारियों के निजी वाहनों को धोने का काम नहीं देना चाहिये.
कर्नल जी एस घुमन सेना में अपने सहायक के बेटे की शादी का निमंत्रण मिलने पर कनाडा से यहां पहुंच गये. हवलदार बालगौडा रायगौडा पाटिल ने करीब दो दशक तक कर्नल घुमन के लिए सहायक का काम किया. करीब दस साल पहले दोनों सेना से सेवानिवृत्त हो गये.
कर्नल घुमन ने कहा, ''वह (पाटिल) मेरे लिए परिवार है. मैं कैसे ना कह सकता था. मुझे उसके बेटे की शादी में शामिल होना था. इसलिए मैं यहां भारत में हूं.'' पाटिल भी ऐसा ही महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ''साब (कर्नल घुमन) की मां मुझे अपना चौथा बेटा ही समझती थी. साब ने भी कभी मेरे साथ एक जूनियर की तरह व्यवहार नहीं किया बल्कि एक भाई समझा. मैं श्रीलंका में आईपीकेएफ के दिनों से ही साब के साथ था. मैंने एक सहायक के रूप में कभी अपमानित महसूस नहीं किया.'' पाटिल वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हो गये थे जबकि कर्नल घुमन एक साल बाद सेवानिवृत्त हुये थे.
पाटिल के बेटे की शादी बेलगाम से करीब 50 किलोमीटर उनके गृहनगर में थी. कर्नल घुमन ने इस बार भारत यात्रा के दौरान मैंगलोर, कोच्चि और हैदराबाद जाकर पूर्व जवानों और उनके परिवारों से मुलाकात की और पुरानी यादें ताजा की.
गत महीने लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने सहायक व्यवस्था के बारे में शिकायत करते हुये एक वीडियो पोस्ट किया था जिसके बाद सेना ने कहा था कि सहायक का काम पालतू जानवरों और बच्चों की देखभाल करना नहीं होना चाहिये और साथ ही उन्हें अधिकारियों के निजी वाहनों को धोने का काम नहीं देना चाहिये.
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