ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने पंचायत चुनावों में विपक्ष को चारों खाने चित करते हुए 852 सीटों में से 766 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को जिला परिषद की केवल 42 सीटें मिली. जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिली हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की जबकि चार सीटें छोटे दलों के हिस्से में आई. ओडिशा पंचायत चुनावों में इस बार एक कॉलेज की छात्रा, एक सब्जी विक्रेता और एक दंत चिकित्सक ने भी बाजी मारी और बड़े नेताओं को करारी हार हुई है.
हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में पुरी जिले के प्रताप पुरुषोत्तमपुर गांव के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्नातक की छात्रा हीरा नायक ने जीत हासिल की. उन्होंने पंचायत समिति सदस्य की सीट चार मतों के मामूली अंतर से जीती है. अपनी जीत पर बात करते हुए नायक ने कहा कि उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं और परिवार एक झोपड़ी में रहता है. आर्थिक तंगी और बाधाओं के बावजूद, वो अपनी पढ़ाई कर रही है और अपने स्नातक पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष में है. हीरा नायक ने कहा कि "मैंने देखा है कि मेरे गांव के लोगों को फानी चक्रवात में कैसे नुकसान उठाने पड़े. स्थानीय पंचायत सदस्यों ने कोई काम नहीं किया. फिर, मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया."
इसी तरह रायगढ़ जिले के Ramanaguda zone-I से जिला परिषद सदस्य के रूप में सब्जी विक्रेता टी श्रीधर ने जीत हासिल की. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले श्रीधर ने कहा कि "लोगों को मुझपर भरोसा है और उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों के पैसे को खारिज किया और मुझे वोट दिया. मैं उन्हें कभी निराश नहीं होने दूंगा."
पेशे से दंत चिकित्सक और कांग्रेस के पूर्व विधायक भजबल मांझी की बेटी लिपिका मांझी ने भी नबरंगपुर जिले के पापदहांडी जिला परिषद जोन- II से जीत हासिल करने में सफल रही. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
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