केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आज शाम छह बजे सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) जाएंगे. केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसान सिंघु बॉर्डर पर जुटे हैं. किसानों की मांग है कि किसान विरोधी इन कानूनों को रद्द किया जाए. केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में कीर्तन पाठ में हिस्सा लेंगे.
इससे पहले भी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल जा चुके हैं, जहां दिल्ली सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के लिए खाने, पानी और टॉयलेट की व्यवस्था की हुई हैं. इस दौरान, उन्होंने कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री के नाते नहीं बल्कि सेवादार के रूप में आया हूं.
महीने की शुरुआत में सिंघु बॉर्डर पहुंचे केजरीवाल ने कहा था, "हमारी पूरी सरकार, विधायक, पार्टी के कार्यकर्ता, और मैं खुद, हम लोग एक सेवादार की तरह किसानों की सेवा में लगे हुए हैं. किसानों की सेवा करने के लिए यहां आया हूं. किसान 24 घंटे मेहनत करके खून पसीना बहा कर हमारी सेवा कर रहे हैं, आज किसान मुसीबत में हैं. हम सब देशवासियों का फर्ज है कि किसानों के साथ खड़े हो और उनकी सेवा करें."
केजरीवाल विपक्षी पार्टियों के उन चुनिंदा नेताओं में हैं, जिन्होंने कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है. किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून को लेकर कई दौर की बैठक हो चुकी है, सभी बैठकें लगभग-लगभग बेनतीजा रहीं.
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