सीमा पर भारत और चीन की सेना के जवान.
नई दिल्ली:
भारत और चीन के बीच डोका ला में जारी सीमा विवाद दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. करीब एक महीने से जारी इस विवाद के चलते इस इलाके में दोनों और से सेना का जमावड़ा नॉन कॉम्बेटिव मोड में बढ़ता जा रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में भारत को कड़ा सबक सिखाने की बात कही गई.
अखबार के संपादकीय में यह आरोप लगाया गया है कि भारत मामले को उलझाने में लगा है और बार बार बयान बदल रहा है. चीन का आरोप है कि भारत डोका ला (डोंगलांग) को विवादित एरिया घोषित करवाना चाहता है ताकि चीन अपने इस इलाके में सड़क निर्माण का काम न करे.
अपने इस संपादकीय में चीन ने भारत पर भूटान का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है. चीन की ओर से भारतीय रक्षामंत्री अरुण जेटली और सेना प्रमुख के बयान पर भी हमला किया गया है. उन्होंने जेटली के बयान पर कहा कि चीन भी 1962 से काफी आगे आ गया है और सेना का काफी आधुनिकीकरण कर चुका है. इसी के साथ संपादकीय में कहा गया कि भारत को चेतावनी दी गई कि अगर वह चाइना के साथ युद्ध करता है को उसे 1962 से ज्यादा नुकसान होगा.
आगे लिखा गया कि अब यह भारत को तय करना होगा कि वह क्या चाहता है. भारतीय सैनिक खुद अपनी सीमा में वापस जाते हैं या चीनी सैनिक उन्हें पीछे खदेड़ें.
यह लेख वित्त मंत्री अरुण जेटली और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान के जवाब के रूप में छपा है. गौरतलब है कि डोकाला को लेकर भारत के कड़े रुख के बाद चीन चिढ़ा हुआ है. यह कोई पहला मौका नहीं है जब चीनी मीडिया ने भारत को चेतावनी दी हो.
अखबार के संपादकीय में यह आरोप लगाया गया है कि भारत मामले को उलझाने में लगा है और बार बार बयान बदल रहा है. चीन का आरोप है कि भारत डोका ला (डोंगलांग) को विवादित एरिया घोषित करवाना चाहता है ताकि चीन अपने इस इलाके में सड़क निर्माण का काम न करे.
अपने इस संपादकीय में चीन ने भारत पर भूटान का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है. चीन की ओर से भारतीय रक्षामंत्री अरुण जेटली और सेना प्रमुख के बयान पर भी हमला किया गया है. उन्होंने जेटली के बयान पर कहा कि चीन भी 1962 से काफी आगे आ गया है और सेना का काफी आधुनिकीकरण कर चुका है. इसी के साथ संपादकीय में कहा गया कि भारत को चेतावनी दी गई कि अगर वह चाइना के साथ युद्ध करता है को उसे 1962 से ज्यादा नुकसान होगा.
आगे लिखा गया कि अब यह भारत को तय करना होगा कि वह क्या चाहता है. भारतीय सैनिक खुद अपनी सीमा में वापस जाते हैं या चीनी सैनिक उन्हें पीछे खदेड़ें.
यह लेख वित्त मंत्री अरुण जेटली और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान के जवाब के रूप में छपा है. गौरतलब है कि डोकाला को लेकर भारत के कड़े रुख के बाद चीन चिढ़ा हुआ है. यह कोई पहला मौका नहीं है जब चीनी मीडिया ने भारत को चेतावनी दी हो.
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