'1962 war'

- 28 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • World | Edited by: अभिषेक पारीक |सोमवार अक्टूबर 16, 2023 05:07 PM IST
    सिनवार का जन्‍म 1962 में हुआ और वह दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में पला-बढ़ा. उस दौर में यह शहर मिस्र के नियंत्रण में था. इजरायली सेनाओं ने उसके गृहनगर के नाम पर सिनवार को "खान यूनिस का कसाई" कहा है.
  • India | Reported by: भाषा |रविवार नवम्बर 21, 2021 08:56 AM IST
    राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सेना के जवानों के कल्याण के लिए हमेशा चिंतित रहती है.
  • India | Reported by: NDTV.com (PTI के इनपुट के साथ), Translated by: अभिषेक पारीक |शुक्रवार नवम्बर 19, 2021 08:18 AM IST
    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को परोक्ष संदेश देते हुए कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देगा. कोई भी भारत को "आंख दिखा कर" भाग नहीं सकता. 
  • Zara Hatke | Written by: संज्ञा सिंह |शुक्रवार नवम्बर 19, 2021 07:30 AM IST
    सोशल मीडिया पर राजनाथ सिंह का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में राजनाथ सिंह 13 कुमाऊं के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर वी जातर को व्हीलचेयर पर खुद ही ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि आर वी जातर 1962 के भारत-चीन संघर्ष में बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी.
  • India | Reported by: विष्णु सोम, Translated by: तूलिका कुशवाहा |गुरुवार अगस्त 27, 2020 01:26 PM IST
    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू में भारत-चीन संबंधों पर बात करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद से सबसे ज्यादा गंभीर हालात बने हुए हैं. विदेश मंत्री अपनी किताब ''The India Way: Strategies for an Uncertain World'' के रिलीज होने के पहले यह बातचीत कर रहे थे.
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: तूलिका कुशवाहा |सोमवार जून 22, 2020 08:49 PM IST
     ये कहानी है एक ऐसे युद्ध बंदी की जो कि 1962 की जंग में गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गया और फिर अगले सात सालों तक देश की अलग अलग जेलों में युद्ध बंदी की तरह रहा. आजाद हुआ तो उसने भारत को ही अपना घर बना लिया.
  • India | Reported by: राजीव रंजन, Written by: मानस मिश्रा |बुधवार जून 17, 2020 12:14 AM IST
    India China border row: लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना का एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए हैं. लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिक शहीद हुए हैं.  सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना को भी काफी नुकसान हुआ है.  बताया जा रहा है कि दोनों सेनाओं की ओर से रात में पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन अब अचानक चीनी सैनिकों की ओर से हरकत की गई है जिसमें भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत अगर एकतरफा कदम उठाएगा तो इस तरह की दिक्कतें सामने आएंगी. चीन का आरोप है कि भारतीय सैनिक उसकी सेना में घुस आए थे. चीन की ओर से की गई इस हरकत के बाद अब विश्वास बहाली बड़ा मुद्दा हो गया है. वहीं दोनों सेनाओं की ओर से इस सीमा पर तोपें और अन्य साजो-सामान भी इकट्ठा कर रही है और सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. वहीं मिल रही है जानकारी के बाद इस घटना के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक जारी है.
  • India | Reported by: नीता शर्मा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |रविवार मई 17, 2020 08:28 AM IST
    पिछले कुछ दिनों से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. नॉर्थ ब्लॉक तक पहुंचने वाली रिपोर्ट के अनुसार चीन के रवैये को देखते हुए भारत अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है.भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,"चूंकि पिछले कुछ दिनों से चीन LAC पर अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा रहा है ऐसे में हम उस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं."
  • Zara Hatke | Written by: रेणु चौहान |मंगलवार फ़रवरी 26, 2019 11:56 AM IST
    National War Memorial: 1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 में चीन से युद्ध, 1965 में पाक से जंग, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1987 में सियाचिन, 1987-88 में श्रीलंका और 1999 में कारगिल में शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया गया है. 
  • India | प्रभात उपाध्याय |बुधवार नवम्बर 14, 2018 11:38 AM IST
    जब जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने बोलना शुरू किया तो करीब डेढ़ घंटे बोलते रहे. प्रेस कांफ्रेंस में चीनी प्रधानमंत्री के प्रति उन्होंने अपनी भड़ास जमकर निकाली'. हार पर नेहरू ने कहा, 'चीन एक सैनिक मानसिकता का राष्ट्र है जो हमेशा सैन्य साजो-सामान को मजबूत करने पर जोर देता है....यह उनके अतीत के गृहयुद्ध की ही एक निरंतरता है. इसलिये आमतौर पर वे मजबूत स्थिति में हैं'. नेहरू ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में विपक्षी नेताओ पर भी निशाना साधा और यहां तक कह डाला कि 'हमारे विपक्षी नेताओं की आदत है कि वे बिना किसी सिद्धांत के हर किसी से गठजोड़ कर लेते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि वे चीनियों से गठजोड़ कर लें'.
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