चीनी सेना के साथ झड़प के बाद जारी तनाव के बीच आज पीएम नरेंद्र मोदी अचानक लद्दाख पहुंच गए. भारत के प्रधानमंत्री का इस इलाके में अचानक दौरे को चीन को पसंद नहीं आया है. चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत हो रही है ऐसें में किसी पक्ष को तनाव बढ़ाने वाले कदम नहीं उठाने चाहिए. लेकिन लद्दाख पहुंचे पीएम मोदी की बॉडी लैंग्वेज से अंदाजा लग रहा था कि वे चीन की किसी भी प्रोपेगेंडा में फंसने वाले नही हैं और लद्दाख में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने चीन का नाम तो नहीं लिया लेकिन 'देश के दुश्मनों' को जरूर चेताया. उन्होंने जवानों कहा कि आपने जिस तरह से देश ने जिस तरह से सेवा की है वह पराक्रम की पराकाष्ठा है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कई बातें कह डालीं जो जिससे चीन बौखला गया है.
'लद्दाख भारत का मस्तक है'
पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख भारत का मस्तक है और इस पर कोई आंख उठाकर देख नहीं सकता है. उन्होंने बीते जून में हुई घटना का जिक्र करते हुए जवानों से कहा कि आपकी वीरता दुनिया में अदम्य साहस का प्रतीक है. देश के वीरों ने गलवान घाटी में जो वीरता दिखाई है उससे सबको गर्व है.
फिर छेड़ दी चीन को चिढ़ाने वाली बात
पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए खर्च को तीन गुना कर दिया है. कई जगहों पर पुल और सड़कें बन रही हैं या बना दी गई हैं. उन्होंने कहा कि इससे हथियार और जरूरी सामान आपको जल्द से जल्द मिल जाएगा. दरअसल चीन, सीमा पर भारत की ओर से किए गए निर्माण से ही चिढ़ा हुआ है. दरअसल अभी तक सीमा पर चीन ही निर्माण कार्य करता रहा है लेकिन भारत की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया गया था. लेकिन भारत ने बीते कुछ सालों में चीन सीमा पर अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है.
'स्रामाज्यवादी मिट गए'
वहीं इसके बाद सीमा पर चीन की विस्तारवादी नीति पर भी पीएम मोदी ने चेताते हुए कहा कि अब साम्राज्यवाद का युग चला गया है और पूरी दुनिया विकास के रास्ते पर चल रही है. उन्होंने कहा जो देश साम्राज्यवादी थे वह हार गए और उनको भुला दिया गया.
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