मंगलवार को इस्तीफा देने वाले पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के एक सलाहकार ने कहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) की नई सरकार को फैसले लेने में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी और अगर ऐसा हुआ होता तो पंजाब कांग्रेस में यह संकट पैदा नहीं हुआ होता.
NDTV से बात करते हुए सिद्धू के सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सिद्धू दूसरी पार्टी में जा सकते हैं. दल्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री टिप्पणी करते समय "कन्फ्यूज हो गए होंगे"
दल्ला ने कहा, "सिद्धू की लड़ाई सिद्धांतों की लड़ाई है. लोगों को यह समझना चाहिए कि किसी भी राजनीतिक दल या निर्वाचित प्रतिनिधि के लिए प्रमुख मुद्दा अपने राज्य का मुद्दा होता है."
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यह पूछे जाने पर कि क्या सिद्धू ने पंजाब में विधायक एसएस रंधावा को मंत्री बनाए जाने का विरोध किया था, दल्ला ने कहा, "मुद्दा यह नहीं था कि 'किस व्यक्ति को कौन सा मंत्रालय मिलना चाहिए, बल्कि विचाराधीन सिद्धांत यह था कि क्या उन 18 बिंदुओं पर, जिन पर सहमति बनी थी, पहले दिन से ही उसे आगे बढ़ाने के लिए कोई नीति थी या नहीं?"
दल्ला ने जोर देकर कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू का कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ कोई व्यक्तिगत मनमुटाव नहीं था, जिन्होंने महीनों तक पार्टी के अंदर चले आंतरिक गंभीर आलोचनाओं के बाद पिछले दिनों मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था.
उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों- जैसे कि बेअदबी या कुछ सरकारी नियुक्तियों से संबंधित - जो कैप्टन के कार्यकाल के दौरान सिद्धू ने उठाए थे, को सूचीबद्ध नहीं किया गया था. दल्ला ने कहा कि सवाल यह था कि क्या नई सरकार एक टीम बना रही है जो उन मुद्दों को संभाल सकती है?
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