प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सर्च इंजन गूगल, याहू और माइक्रोसाफ्ट को वेबसाइटों पर लिंग परीक्षण के विज्ञापनों पर केंद्र सरकार ने अपना पक्ष सामने रखा है। सरकार ने कहा है कि वह इंटरनेट सर्च इंजन कंपनियों से मिलकर इस समस्या का समाधान निकालेगी। इस बाबत कंपनियों के साथ एक बैठक हो चुकी है जबकि दूसरी मंगलवार को होनी है। केंद्र सरकार ने कहा कि इस मामले में 10 दिनों की मोहलत दी जाए, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को वक्त देते हुए 9 अगस्त को सुनवाई तय की है।
कानून के प्रति सम्मान नहीं
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सर्च इंजन गूगल, याहू और माइक्रोसाफ्ट को वेबसाइटों पर लिंग परीक्षण के विज्ञापन ब्लाक करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को फटकार लगाई थी और कहा था कि आप देश के कानून के प्रति सम्मान नहीं रखते। आप यह नहीं कह सकते कि इस मामले में आप कुछ नहीं कर सकते। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार कोई रास्ता निकाले। जबकि केंद्र ने कहा था कि वह सर्च इंजन कंपनियों से मीटिंग कर हल निकालेंगे। कंपनियों की दलील थी कि इन विज्ञापनों पर वे रोक नहीं लगा सकते, जैसे ही कोई ऐसा विज्ञापन आता है, वह ब्लॉक कर देते हैं।
कानून के प्रति सम्मान नहीं
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सर्च इंजन गूगल, याहू और माइक्रोसाफ्ट को वेबसाइटों पर लिंग परीक्षण के विज्ञापन ब्लाक करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को फटकार लगाई थी और कहा था कि आप देश के कानून के प्रति सम्मान नहीं रखते। आप यह नहीं कह सकते कि इस मामले में आप कुछ नहीं कर सकते। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार कोई रास्ता निकाले। जबकि केंद्र ने कहा था कि वह सर्च इंजन कंपनियों से मीटिंग कर हल निकालेंगे। कंपनियों की दलील थी कि इन विज्ञापनों पर वे रोक नहीं लगा सकते, जैसे ही कोई ऐसा विज्ञापन आता है, वह ब्लॉक कर देते हैं।
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