बजट: आयकर सीमा बढ़ाने से लेकर उद्योगों में राहत तक, उम्मीद लगाए बैठी है जनता

देश के कॉरपोरेट (Corporate) जगत को आम बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है, ताकि उसके बूते वे अपने वृद्धि के एजेंडा को फिर से तय कर सकें.

बजट: आयकर सीमा बढ़ाने से लेकर उद्योगों में राहत तक, उम्मीद लगाए बैठी है जनता

देश के कॉरपोरेट जगत को आम बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है,

नई दिल्ली:

देश का बजट (Budget) एक ऐसा अवसर होता है जब जनता अपने लिए राहत मिलने की उम्मीद में होती है. अब वह समय फिर नजदीक है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Seetharaman) पहली फरवरी को संसद  में अपना चौथा आम बजट पेश करेंगी. आम आदमी से लेकर कर्मचारियों, दुकानदारों, कॉरपोरेट तक सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि सरकार राजकोषीय मजबूती की कसौटी और लोकलुभावन उपायों के बीच कैसे संतुलन स्थापित कर पाती है और उन्हें क्या राहत देती है. देश के कॉरपोरेट (Corporate) जगत को आम बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है, ताकि उसके बूते वे अपने वृद्धि के एजेंडा को फिर से तय कर सकें. वहीं आम करदाता अपने हाथ में खर्च योग्य आय बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, ताकि वह बचत से कुछ निवेश कर सके और उपभोग बढ़ा सके.

Budget 2022 Road Transport Sector : रोड ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बजट में विशिष्ट दर्जा देने और टीडीएस खत्म करने की मांग

यदि निगाह दौड़ाई जाए तो प्रमुख तौर पर जो उम्मीदें बजट से की जा रही हैं उनमें सबसे प्रमुख प्रत्यक्ष करों को लेकर है. कर्मचारी और मध्यवर्ग 80सी के तहत आय पर  1.5 लाख रुपये की कर मुक्त सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये करने की उम्मीद कर रहा है. इसके अलावा वैकल्पिक रियायती कर व्यवस्था को अधिक स्वीकार्य बनाने के लिए इसके तहत सर्वाधिक 30 प्रतिशत कर दर के लिए 15 लाख रुपये की आय सीमा को बढ़ने की उसकी मांग रही है.

जहाँ तक दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर लगने वाले कर (एलटीसीजी) की बात हैं तो यह निवेशकों के भरोसे को आघात पहुंचाता है. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में यह कर नहीं होता. भारतवासी उम्मीद कर रहे हैं कि सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री पर इस कर में छूट दी जाए जिससे शेयर बाजार के जरिये निवेश बढ़ सके.

उधर कॉरपोरेट जगत को कोविड-19 के दौरान समाज और कर्मचारी कल्याण पर आए अतिरिक्त खर्च या इसके बड़े हिस्से पर कर में छूट की उम्मीद है. जहाँ तक अप्रत्यक्ष कर की बात है इलेक्ट्रिक वाहनों और सहायक पुर्जों, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन उपकरणों और इससे संबंधित घटकों के लिए सीमा शुल्क कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाये जाने की उम्मीद की जा रही है.

इसके अलावा सेमीकंडक्टर विनिर्माताओं के लिए क्षेत्र विशेष छूट, उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन योजना के विस्तार के लिए बजट आवंटन, जांच के लिए आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क में छूट का विस्तार की बाट लोग जोह रहे हैं.

बजट को लेकर विशेषज्ञों की राय की बात की जाये तो नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा - 'कोविड संकट से पड़े असर के बावजूद बड़े कारोबार और उच्च-मध्यम वर्ग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. बजट में मुख्य रूप से ध्यान रोजगार, आय और मांग निर्माण के इर्द गिर्द परिवेश बनाने पर होना चाहिए.'

बजट में हेल्थकेयर इंडस्ट्री चाहती है प्राथमिकता क्षेत्र का दर्जा , तीन प्रतिशत जीडीपी आवंटन की मांग

इस विषय पर डेलॉइट इंडिया के भागीदार गोकुल चौधरी ने कहा - 'बजट से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है जहां महंगाई के कारण खर्च करने योग्य आय पर असर पड़ा है.' बजट पर एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा - 'मध्यम वर्ग जहां तेजी से बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए खर्च करने योग्य आय बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, वहीं बड़ी कंपनियों को कर ढांचे में स्थिरता और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कारोबार में विकास के लिए अतिरिक्त तरलता उपलब्ध होने की अपेक्षा है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

कोरोना से जूझती अर्थव्यवस्था, मंदी के चलते मांग हुई कम



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)