
1975 में रिलीज हुई शोले को हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है. अमजद खान का गब्बर सिंह, अमिताभ बच्चन का जय और धर्मेंद्र का वीरू – ये किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं. अक्सर दर्शकों और फिल्म प्रेमियों के मन में सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी हिट फिल्म का कभी सीक्वल या प्रीक्वल क्यों नहीं बना? इसी सवाल पर हाल ही में निर्देशक रेमेश सिप्पी ने खुलकर अपनी राय रखी. एनडीटीवी के साथ हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात की.
“अभी ऐसी कोई प्लानिंग नहीं” – रेमेश सिप्पी
एनडीटीवी से इंटरव्यू में जब रेमेश सिप्पी से पूछा गया कि आजकल पार्ट 2, पार्ट 3, सीक्वल और प्रीक्वल का जमाना है, तो क्या उन्होंने शोले के लिए कभी ऐसा सोचा है? इस पर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “नहीं, इस वक्त मेरी कोई ऐसी प्लानिंग नहीं है. हो सकता है भविष्य में कभी सोचूं, लेकिन मुझे लगता है कि जो चीज एक बार बनकर अमर हो गई है, उसका सीक्वल या प्रीक्वल बनाकर हम शायद उसी जादू को दोबारा महसूस न कर पाएं. लोग आज शोले को जिस नजर से देखते हैं, वैसा शायद न हो पाए अगर हम आगे-पीछे की कहानी बनाने लगें.”
सिप्पी का मानना है कि कुछ कहानियां अपनी जगह पूरी होती हैं और उनके साथ छेड़छाड़ करना सही नहीं. यही वजह है कि उन्होंने शोले को उसी रूप में रहने देने का फैसला किया है.
सलीम-जावेद की फिर से जोड़ी बनने की संभावना
इसी इंटरव्यू में सलीम खान और जावेद अख्तर की फिर से साथ आने की संभावना पर भी चर्चा हुई. उनसे पूछा गया कि क्या दर्शकों को दोबारा इस मशहूर राइटिंग जोड़ी का कमाल देखने को मिलेगा? इस पर रेमेश सिप्पी ने कहा, “हा, बातचीत चल रही है और ऐसा हो सकता है कि वे किसी नए प्रोजेक्ट में साथ आएं. हालांकि शोले से जुड़ी कोई सीधी प्लानिंग नहीं है, लेकिन अगर सलीम-जावेद दोबारा एक साथ लिखेंगे तो वो भी दर्शकों के लिए बड़ी खबर होगी.”
सलीम-जावेद की जोड़ी ने 70 और 80 के दशक में कई सुपरहिट फिल्में दीं, जिनमें दीवार, डॉन, त्रिशूल और शोले जैसी फिल्में शामिल हैं. ऐसे में अगर ये जोड़ी फिर से साथ आती है तो बॉलीवुड में पुराना जादू लौट सकता है.
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