ADVERTISEMENT

Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बार क्या उम्मीदें रख रहे हैं एक्सपोर्टर?

कोरोना संकट के दौरान दुनिया के कई देशों में व्यापार पर प्रतिबन्ध की वजह से वैश्विक सप्लाई चेन चरमरा गई है. विदेशों से ऑर्डर्स तीन चौथाई तक घट गए हैं. प्राइमरी मटेरियल काफी महंगा हो गया है और माल भाड़ा तीन गुना बढ़ गया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी12:30 AM IST, 30 Jan 2022NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

दुनियाभर में कोरोना संकट ने निर्यात उत्पादन इकाइयों की वैश्विक सप्लाई चेन्स को बुरी तरह से कमजोर कर दिया है. अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह से मांग गिर गई है. अब निर्यातक चाहते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले बजट में उनके सेक्टर के टैक्स और ड्यूटीज कम करें और छोटे व लघु उद्योगों को दिए गए कोविड रिलीफ पैकेज की अवधि दस साल करें. सुनील हरजाई पिछले कई दशकों से चमड़े के जूतों का यूरोप और लैटिन अमेरिका के कई बड़े देशों में निर्यात कर रहे हैं.

कोरोना संकट के दौरान दुनिया के कई देशों में व्यापार पर प्रतिबन्ध की वजह से वैश्विक सप्लाई चेन चरमरा गई है. विदेशों से ऑर्डर्स तीन चौथाई तक घट गए हैं. प्राइमरी मटेरियल काफी महंगा हो गया है और माल भाड़ा तीन गुना बढ़ गया है. चमड़े के व्यापार से जुड़े सैकड़ों निर्यातक इस संकट से जूझ रहे हैं.अब सुनील हरजाई जैसे प्रभावित चमड़ा निर्यातक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट में राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं.

इस पर बात करते हुए सुनील हरजाई, सिद्धार्थ एक्सपोर्ट्स के मालिक ने NDTV से कहा कि, "कोविड का दौर अभी भी खत्म नहीं हुआ है. एक्सपोर्ट मैन्युफैक्चरिंग फैक्टरियां 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ही प्रोडक्शन कर पा रही हैं. यूरोप से कोरोना से पहले 10 हजार जूतों का आर्डर आता था, तो अब 2 हजार ही रह गया है. सबसे बड़ी मुश्किल है सी फ्रेट और एयर फ्रेट, ये कई गुना बढ़ गया है. हम पर टैक्स और ड्यूटीज कम होना चाहिए. वित्त मंत्री को इंपोर्ट ड्यूटीज 0 करना चाहिए."

निर्यात कारोबार को नए सिरे से खड़ा करने के लिए पूंजी मिलना मुश्किल हो रहा है. निर्यात करने वाले चाहते हैं वित्त मंत्री बजट में छोटे उद्योगों के कोवीड राहत पैकेज के तहत आसान शर्तों पर कर्ज मुहैया कराने के लिए लाई गयी इसीजीएलएस योजना को 3 साल से बढ़ाकर 10 साल किया जाये. सुनील हरजाई ने NDTV से कहा कि, "हमें बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर इंटरेस्ट रेट कम होना चाहिए. अब भी इंटरेस्ट रेट ज्यादा है. कोविड रिलीफ पैकेज के इसीजीएलएस स्कीम के तहत मोरटोरियम की अवधी को 3 साल से बढ़ाकर 10 साल किया जाये." 

अंतराष्ट्रीय व्यापार में उथल पुथल का असर निर्यात क्षेत्र में काम करने वाले सैकड़ों कर्मियों पर भी पड़ा है. हाल के महीनों में महंगाई ने संकट और बढ़ा दिया है. कर्मचारी भी वित्त मंत्री से बजट में राहत की मांग कर रहे हैं. एक्सपोर्ट यूनिट एक्सपोर्टर के आकाश शर्मा ने NDTV से कहा कि, "महंगाई की वजह से वर्कर परिवार नहीं चला पा रहे हैं. महंगाई पेट्रोल से लेकर गैस समेत सभी चीज में हैं. वित्त मंत्री को वर्करों के लिए राहत का ऐलान करना चाहिए." उनके सहयोगी दीपक त्यागी का कहना है कि, "महंगाई की वजह से बचत हम नहीं कर पा रहे हैं. वित्त मंत्री को बजट में महंगाई कंट्रोल के लिए नई पहल का ऐलान करना चाहिए."

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT