महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हाण को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले से उनका नाम हटाने से इनकार करने वाला अपना पुराना आदेश वापस लेने की अपील को ठुकरा दिया है।
अशोक चव्हाण नांदेड़ से कांग्रेस के सांसद हैं, कुछ ही दिनों पहले उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि वो आदर्श घोटाले के मामले में आरोपी बने रहेंगे। चव्हाण ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कई दलीलें दीं, लेकिन जस्टिस एमएल ताहिलियानी ने साफ कर दिया कि आदर्श घोटाला मामले में बतौर आरोपी उनका नाम बना रहेगा।
विपक्ष मौका ताड़कर राज्य में कांग्रेस के नए मुखिया को घेरने में फौरन जुट गया। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने कहा, 'ऐसे व्यक्ति को पार्टी का महाराष्ट्र अध्यक्ष बनाने से पहले कांग्रेस को सोचना चाहिए था। चव्हाण पूरी तरह आदर्श के फेरे में हैं।'
चव्हाण ने पिछले साल बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुजारिश की थी कि वो आदर्श मामले में सीबीआई की अर्जी मान ले जिसमें उसने आरोपियों की लिस्ट से चव्हाण का नाम हटाने का अनुरोध किया था, जिसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ठुकरा चुका था।
यानी अब अशोक चव्हाण को आदर्श सोसायटी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने आधिकारिक पद के कथित दुरुपयोग के आरोप में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपों का सामना करना पड़ेगा। सीबीआई ने आरोपियों की फेहरिस्त से चव्हाण का नाम हटाने के लिए निचली अदालत से इस आधार पर गुहार लगाई थी कि राज्यपाल ने उनके खिलाफ अभियोजन की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया है। उस वक्त के शंकरनारायणन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।
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